गर्मी है प्रचंड, लेकिन झमाझम बारिश में भीगने के लिए हो जाइए तैयार, IMD ने दी बड़ी खुशखबरी
नई दिल्ली। इस बार गर्मियां अपने सीजन से पहले ही पसीना छुड़ाने लगीं। 2022 का मार्च महीना इतना ज्यादा गर्म रहा कि 100 साल पहले भी मार्च में इतनी गर्मी नहीं पड़ी। इस बार लू भी समय से पहले चलनी शुरू हो गई। हालांकि, भीषण गर्मी की आहट के बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने खुशखबरी दी है। मौसम विभाग ने कहा है कि, पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून से खूब मौसमी (जुलाई से सितंबर) बारिश होने की संभावना है। इस बार भी बारिश की स्थिति सामान्य रहेगी।
दक्षिण-पश्चिम मानसून से खूब मौसमी बारिश की संभावना
मालूम हो कि, इस साल देश के बहुत से हिस्सों में 14 अप्रैल को बरसात हुई। इस पर भारतीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि, 14 अप्रैल बारिश की रिलीज का दिन था। अब 2022 के दक्षिण-पश्चिम मॉनसून वर्षा करने के लिए पर्याप्त रहेंगे। इस साल मानसून लंबी अवधि के औसत (एलपीए) में रहेंगे, जिससे 96 से 104% बारिश होने का अंदाजा है। कुछ ऐसा ही आंकलन 'स्काईमेट वेदर' की मौसम पूर्वानुमान-2022 रिपोर्ट में भी किया गया है।
Recommended Video
प्रचंड गर्मी से मिलेगी राहत
"स्काईमेट वेदर" के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस साल मानसूनी बारिश की स्थिति सामान्य रहेगी। हालांकि, प्रचंड गर्मी के असर को देखते हुए कुछ लोगों को लगता है कि पिछले साल की तुलना में बारिश कम हो सकती है। "स्काईमेट वेदर" के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 4 महीनों जून-जुलाई-अगस्त-सितंबर की औसत वर्षा 880.6 Mm की तुलना में 2022 में 98% बारिश की संभावना है (एरर मार्जिन +/-5%)। इससे पहले, 21 फरवरी, 2022 को जारी अपने पहले के प्रारंभिक पूर्वानुमान में भी, स्काईमेट ने मानसून 2022 को 'सामान्य' होने का आंकलन किया था और अब भी उस पर यह कहते हुए कायम है कि, इस साल सामान्य वर्षा का प्रसार LPA का 96%-104% है।
गुजरात की 100 से ज्यादा तहसीलों में भारी वर्षा, बाढ़
सीज़न का पहला भाग ज्यादा बेहतर रहेगा
कुछ मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि, राजस्थान और गुजरात के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र के नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में पूरे मौसम में बारिश की कमी होने का खतरा होगा। इसके अलावा, केरल राज्य और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में जुलाई और अगस्त के मुख्य मानसून महीनों में कम बारिश होगी। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश, उत्तर भारत के कृषि क्षेत्र, और महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के वर्षा आधारित क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा होगी। सीज़न का पहला भाग बाद वाले की तुलना में बेहतर रहने की उम्मीद है।