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स्टोरी एकदम फिल्मी है! शख्स से बदला लेने के लिए बंदर ने तय किया 22 KM का सफर, जानें वजह

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बेंगलुरु, सितंबर 28: बदला लेना का प्रवृति सिर्फ इंसानों में ही नहीं बल्कि अन्य जीवों में भी पाई जाती है। गुस्साए जीव कई बार बदला लेने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं। एक ऐसा ही मामला कर्नाटक के चिक्कमगलूर जिले से सामने आया है। जहां पर एक बंदर एक शख्स से बदला लेने के लिए 22 किमी का सफर तय करके पहुंचा। इतना ही नहीं बंदर ने उस शख्स के लिए एक विलेन बना हुआ है। सोशल मीडिया पर इस बदला लेने वाले बंदर की खूब चर्चा हो रही है।

बंदर से हर कोई था परेशान

बंदर से हर कोई था परेशान

दरअसल कर्नाटक के चिकमगलूर जिले के कोट्टिघेरा गांव में कुछ दिनों से पांच साल का एक बंदर आतंक मचा रहा था। बोनट मैकाक प्रजाति का ये नर बंदर कोट्टीगेहारा में घरों के आसपास घूमता रहता था। वह लोगों से फल और नाश्ते के पैकेट छीन कर भाग जाया करता था। लोगों ने पहले इस सामान्य सी घटना मानी। कुछ दिनों बाद स्कूल खुले तो वह बच्चों को निशाना बनाने लगा। जिसके बच्चों में बंदर को लेकर भय व्याप्त हो गया। किसी ने वन विभाग से शिकायत की तो शरारती बंदर को पकड़ने के लिए टीम आई।

शख्स ने बंदर को पकड़ाने में की मदद

शख्स ने बंदर को पकड़ाने में की मदद

बंदर को पकड़वाने के लिए वन विभाग की टीम में गांव में रहने वाले एक शख्स जगदीश भी शामिल थे। बंदर अचानक उसकी ओर कूद पड़ा और उस पर हमला कर दिया। बंदर ने जगदीश का काट भी लिया। बंदर के काटने के बाद भी यह बात यही खत्म नहीं हुई।ऑटो चालक ने जब भागने की कोशिश की तो बंदर ने उसे दौड़ा लिया। जैसे ही चालक अपने ऑटो-रिक्शा में गया, बदमाश बंदर ने आगे बढ़कर ऑटो की सीट के कवर को फाड़ दिया।

बंदर ने तय किया 22 किलोमीटर का सफर

बंदर ने तय किया 22 किलोमीटर का सफर

इसके बाद वन विभाग की टीम बंदर को पकड़ लिया और जंगल गई। वहां छोड़ आई। जिसके बाद बंदर के निशाने पर ऑटो चालक जगदीश आ गए। बंदर के पकड़े जाने के बाद एक हफ्ते गांव में शांति रही लेकिन बंदर 22 किमी का सफर तय कर फिर से गांव में पहुंच गया। इस बार बंदर ने किसी और को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया। उसका टारगेट सिर्फ और सिर्फ ऑटो चालक जगदीश था।

शख्स बंदर के खौफ से घर से नहीं निकल पाया

शख्स बंदर के खौफ से घर से नहीं निकल पाया

शख्स बंदर के खौफ से घर से नहीं निकल पा रहा था। जगदीश ने बताया, जब मैंने सुना कि बंदर गांव में वापस आ गया है, तो मुझे लगा अब मैं नहीं बचने वाला हूं। मैंने खुद वन विभाग को फोन किया और उन्हें फौरन आने के लिए कहा। इस दौरान मैं घर में ही छिपा रहा। मुझे पता है कि यह वही बंदर है क्योंकि पिछली बार हम सभी ने उसके कान पर एक निशान देखा था। 22 सितंबर को उसे फिर से जंगल छोड़ा गया।

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चर्चा का विषय बना बंदर

चर्चा का विषय बना बंदर

रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर मोहन कुमार बीजी ने कहा, हम वास्तव में नहीं जानते कि बंदर एक ही आदमी को क्यों निशाना बना रहा था? हमें नहीं पता कि उसने पहले जानवर को कोई नुकसान पहुंचाया था या यह सिर्फ एक तत्काल प्रतिक्रिया थी, लेकिन, यह पहली बार है जब हमने किसी बंदर को इस तरह का व्यवहार करते देखा है, हालांकि बंदरों का इंसानों पर हमला करना बड़ी घटना नहीं है। हालांकि वन विभाग ने बंदर को फिर से फंसाकर दूर जंगल में भेज दिया है।

English summary
monkey travels 22 KM to take revenge on person Chikkamagalur district in Karnataka
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