उन्नावः DM कार्यालय में महिला कर्मचारी के साथ अश्लील हरकत, क्या है पूरा मामला
उन्नाव के ज़िलाधिकारी कार्यालय में एक महिला कर्मचारी ने वरिष्ठ अधिकारी पर अभद्रता और अश्लीलता करने के आरोप लगाए हैं. इस मामले में अभियुक्तों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है. क्या है पूरा मामला.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में ज़िलाधिकारी कार्यालय में एक महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ के बाद सूचना विभाग के अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है.
ये मामला तब सामने आया जब ज़िलाधिकारी रविंद्र कुमार कार्यालय की व्यवस्था जांचने के लिए आकस्मिक निरीक्षण कर रहे थे.
इस दौरान जब वो ज़िला सूचना कार्यालय पहुंचे तो वहां तैनात एक महिला कर्मचारी ने उन्हें आपबीती सुनाई.
इस महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया कि सूचना अधिकारी (जो स्वयं महिला कर्मचारी हैं) की अनुपस्थिति में कार्यालय परिसर में उनके साथ छेड़छाड़ की गई.
जैसे ही घटना को ज़िलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया उन्होंने तुरंत महिला कर्मचारी से शिकायत लिखने के लिए कहा और एफ़आईआर दर्ज किए जाने के निर्देश दिए.
उन्नाव सदर थाने में फ़िलहाल महिला कर्मचारी की शिकायत पर मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है.
ज़िलाधिकारी उन्नाव रविंद्र कुमार ने बीबीसी से कहा, "आकस्मिक निरीक्षण के दौरान महिला कर्मचारी ने अपने साथ अभद्रता और छेड़छाड़ होने की जानकारी दी जिस पर तुरंत मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है."
रविंद्र कुमार कहते हैं, "कार्यालय को महिलाओं के लिए सुरक्षित रखना और ज़िले की प्रत्येक महिला को सुरक्षा का भरोसा देना हमारी पहली ज़िम्मेदारी और प्राथमिकता है. जैसे ही हमें घटना की जानकारी मिली हमने तुरंत कार्रवाई की ताकि अभियुक्तों को पीड़िता को प्रभावित करने का मौका न मिल सके."
कार्यालय में हुआ क्या था?
महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि पांच अप्रैल को ज़िला सूचना अधिकारी छुट्टी पर थीं.
महिला कर्मचारी का आरोप है कि इस मौक़े का फ़ायदा उठाकर उपनिदेशक सूचना, कानपुर (आहरण वितरण अधिकारी, उन्नाव) सुधीर कुमार मिश्र कार्यालय में आए और वहां धूम्रपान किया और शराब पी.
आरोप है कि इस दौरान उन्होंने कार्यालय को भीतर से बंद कर लिया था.
महिला कर्मचारी का आरोप है कि उप-निदेशक के अलावा कार्यालय में काम कर रहे अन्य पुलिसकर्मियों ने भी इस दौरान शराब पी थी.
अपनी शिकायत में महिला कर्मचारी ने कहा है, "सभी पुरुष कर्मचारियों के सामने उप-निदेशक ने मुझे बहुत ग़लत तरीक़े से छुआ और मेरी पीठ पर हाथ मारा."
महिला कर्मचारी का कहना है कि वो इस घटना से बहुत आहत हैं, कार्यस्थल पर उनका अपमान हुआ है.
वे कहती हैं, "उप-निदेशक के इस व्यवहार के बाद भविष्य में कार्यालय के अन्य पुरुष कर्मचारी भी मेरे साथ दुर्व्यवहार कर सकते हैं. मैं चाहती हूं कि इस मामले में ठोस कार्रवाई हो और कार्यस्थल के माहौल को सुधारा जाए."
महिला कर्मचारी का ये भी आरोप है कि घटना के बाद उप-निदेशक ने रात में उन्हें बार-बार फ़ोन किया और किसी को इस बारे में न बताने का दबाव बनाया.
ये महिला कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करती हैं.
मुक़दमा दर्ज
महिला कर्मचारी की शिकायत पर उन्नाव सदर थाने में उप-निदेशक सूचना सुधीर कुमार मिश्र के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग) और 166 (लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को क्षति पहुँचाने के आशय से विधि की अवज्ञा करना) के तहत मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है.
पुलिस के मुताबिक़ एफ़आईआर में कार्यालय के अन्य कर्मचारियों को भी अभियुक्त बनाया गया है और उनसे भी पूछताछ की जाएगी.
मामले के जांच अधिकारी ने बीबीसी से कहा कि फ़िलहाल जांच चल रही है, ज़रूरत पड़ने पर गिरफ़्तारियां भी की जाएंगी.
'महिला सुरक्षा सर्वोपरि'
उत्तर प्रदेश में सरकार महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि होने का दावा करती रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ये दावा करते हैं कि उनके शासन के दौरान महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामलों में कमी आई है.
हालांकि आंकड़े सरकार के इन दावों पर सवाल उठाते हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश में 2017-2019 के बीच महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध बढ़े हैं जबकि 2020 में इनमें कमी आई है.
एनसीआरबी के डेटा के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित राज्यों में अग्रणी नहीं है.
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ऐसे में ये सवाल उठा है कि यदि ज़िलाधिकारी कार्यालय में ही महिला कर्मचारी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं तो आम महिलाओं को सुरक्षा का भरोसा कैसे दिया जा सकता है.
इस सवाल पर ज़िलाधिकारी रविंद्र कुमार कहते हैं, "महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है. हम इस मामले में ऐसी कार्रवाई कर रहे हैं जो नज़ीर बने और आगे कोई भी किसी महिला से छेड़छाड़ की हिम्मत न करे."
ज़िलाधिकारी ने कहा, "आपराधिक मुक़दमा दर्ज किए जाने के अलावा हम सूचना विभाग को विभागीय कार्रवाई करने के लिए भी लिख रहे हैं. हम ये भरोसा देना चाहते हैं कि हर महिला कर्मचारी सुरक्षित है और उसका सम्मान सर्वोपरि है."
इस मामले में पीड़ित महिला ने छेड़छाड़ करने वाले अधिकारी पर प्रभावित करने की कोशिश करने के आरोप भी लगाए हैं.
पर क्या महिला कर्मचारी को सुरक्षा का भरोसा दिया जा सकेगा?
इस सवाल पर ज़िलाधिकारी कहते हैं, "मैंने स्वयं संबंधित महिला कर्मचारी से बात की और उन्हें भरोसा दिया है कि ज़िला प्रशासन उनके साथ है. ये भरोसा कार्यालय में काम करने वाली हर महिला के लिए है."
बीबीसी ने इस मामले में अभियुक्त उप-निदेशक सुधीर मिश्र से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. उनका पक्ष मिलते ही इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
(इस रिपोर्ट में उन्नाव से स्थानीय पत्रकार वरुण मिश्रा ने सहयोग किया)
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