केंद्र सरकार ने ड्रोन पॉलिसी 2021 का ड्राफ्ट किया जारी, सार्वजनिक रूप से मांगा परामर्श
नई दिल्ली, जुलाई 15। देश में लगातार ड्रोन एक्टिविटिज को देखते हुए गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन पॉलिसी 2021 का ड्राफ्ट पेश किया। इस ड्राफ्ट को पेश करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मसौदे को लेकर सार्वजनिक परामर्श मांगा है, ताकि इसे इस साल मार्च में जारी किए गए मानव रहित विमान प्रणाली नियमों के बदले अधिसूचित किया जा सकते। मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी है।
पीएम मोदी की मीटिंग के बाद मंत्रालय ने जारी किया ड्राफ्ट
यह मसौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शीर्ष मंत्रियों की बैठक के बाद आया है, जिसमें पीएम ने मानव रहित विमान प्रणालियों (UAS) या ड्रोन के यातायात प्रबंधन के लिए नीति तैयार करने पर चर्चा की थी। यह बैठक जम्मू में भारतीय वायुसेना अड्डे पर ड्रोन हमले के बाद हुई थी।
The Ministry of Civil Aviation has released Draft Drone Rules, 2021 for public consultation. The deadline for public comments on the draft is 5th August. pic.twitter.com/eABlWOKfyO
— ANI (@ANI) July 15, 2021
इनके अप्रूवल हुए रद्द
नई ड्रोन पॉलिसी के ड्राफ्ट के मुताबिक, अद्वितीय प्राधिकरण संख्या, अद्वितीय प्रोटोटाइप पहचान संख्या, अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रखरखाव का प्रमाण पत्र, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान एवं विकास संगठन के प्राधिकरण, छात्र दूरस्थ पायलट लाइसेंस, दूरस्थ पायलट प्रशिक्षक के प्राधिकरण, ड्रोन बंदरगाह प्राधिकरण, आदि के अनुमोदन को समाप्त कर दिया गया है।
तीन हिस्सों में बांटा गया हवाई क्षेत्र
यह नियम एक इंटरैक्टिव हवाई क्षेत्र के संदर्भ में है, जो डिजिटल स्काई पर प्रदर्शित हरे, पीले और लाल क्षेत्रों का उल्लेख करते हैं। आपको बता दें कि डिजिटल स्काई भारत में ड्रोन गतिविधियों के प्रबंधन से संबंधित गतिविधियों के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा होस्ट किया गया एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। मसौदा नियम के अनुसार, "इन नियमों की अधिसूचना की तारीख के 30 दिनों के भीतर केंद्र सरकार डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित ड्रोन संचालन के हवाई क्षेत्र को लाल, पीले और हरे क्षेत्रों में वर्गीकृत करेगी।'
येलो जोन- ये जोन एयरपोर्ट की परिधि से 45 किमी से घटाकर 12 किमी कर दिया गया है। ग्रीन जोन में 400 फीट तक उड़ान की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी और एयरपोर्ट की परिधि से 8 से 12 किमी के बीच के क्षेत्रों में 200 फीट तक की उड़ान की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
ग्रीन जोन- ग्रीन जोन जमीन से जमीन से 400 फीट (120 मीटर) की ऊर्ध्वाधर दूरी तक के हवाई क्षेत्र को माना जाएगा, जिसे ड्रोन संचालन के लिए हवाई क्षेत्र के नक्शे में लाल क्षेत्र या पीले क्षेत्र के रूप में नामित नहीं किया गया है। एक हवाई अड्डे के परिधि से 8 किलोमीटर और 12 किलोमीटर की पार्श्व दूरी के बीच स्थित क्षेत्र में जमीन से 200 फीट (60 मीटर) एजीएल की लंबवत दूरी तक हवाई क्षेत्र भी इस जोन में आएगा।
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रेड ज़ोन- इस जोन में ऐसे हवाई क्षेत्र हैं, जो भारत के भूमि क्षेत्रों या क्षेत्रीय जल के ऊपर, या केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट किसी भी स्थापना या अधिसूचित बंदरगाह सीमा है, जिसके भीतर ड्रोन संचालन की अनुमति केवल असाधारण परिस्थितियों में होती है।
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