'भाग मिल्खा भाग' के लिए मिल्खा सिंह ने लिया था सिर्फ 1 रुपया, उस नोट का पहले गोल्ड मेडल से है खास कनेक्शन
मुंबई, 19 जून। एथलेटिक्स में भारत को कई गोल्ड मेडल दिला चुके और 'फ्लाइंक सिख' नाम से मशहूर दिग्गज धावक मिल्खा सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं। राष्ट्रमंडल खेलों में स्वतंत्र भारत को अपना पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले फर्राटा धावक मिल्खा सिंह के निधन की खबर से देश को गहरा सदमा लगा है। कोरोना वायरस संक्रमण के बाद की परेशानियों के चलते चंडीगढ़ के एक अस्पताल में 91 वर्षीय मिल्खा सिंह ने शुक्रवार देर रात दुनिया को अलविदा कह दिया। मिल्खा सिंह के निधन पर देश-दुनिया से लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं।
मिल्खा सिंह पर बनी बायोपिक फिल्म
दुनिया के बड़े-बड़े एथलीटों को धूल चटाने वाले मिल्खा सिंह की उपलब्धियों का गुणगान करते कई किताबें मिल जाएंगी, लेकिन बच्चे-बच्चे को उनके बारे में तब पता चला जब साल 2013 में मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित एक बॉलीवुड फिल्म बनी। आपको जानकर हैरानी होगी कि खुद पर बनाई जा रही बायोपिक फिल्म के लिए मिल्खा सिंह ने सिर्फ 1 रुपए फीस ली थी। 'भाग मिल्खा भाग' (Bhaag Milkha Bhaag) नाम की फिल्म में बॉलीवुड एक्टर फरहान अख्तर ने लीड रोल निभाया था।
ब्लॉकबस्टर फिल्म थी 'भाग मिल्खा भाग'
साल 2013 में रिलीज हुई मिल्खा सिंह की 'भाग मिल्खा भाग' बायोपिक उस समय की ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से एक थी। लोगों ने ना सिर्फ फिल्म के जरिए बल्कि असल जिंदगी में भी उनपर खूब प्यार लुटाया। फिल्म के पहले तक बहुत कम युवा ही मिल्खा सिंह की उपलब्धियों के बारे में जानते थे लेकिन उनकी बायोपिक देख हर कोई भारत के इस दिग्गज धावक का फैन हो गया। इस फिल्म में एक्टर फरहान अख्तर ने मिल्खा सिंह के किरदार को बखूबी निभाया।
फिल्म के लिए ली थी 1 रुपए फीस
फ्लाइंग सिख यानी मिल्खा सिंह जितने दिग्गज खिलाड़ी थे उतने ही दरिया दिल भी थे। उनकी दरियादिली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिल्म के सुपरहिट होने पर जहां वह मेकर्स से करोड़ों रुपए चार्ज कर सकते थे, उसकी बजाए उन्होंने फीस के तौर पर सिर्फ 1 रुपए लिए। हालांकि इस 1 रुपए के नोट के पीछे भी दिलचस्प कहानी है। इसकी खास बात यह थी कि यह 1958 में छपा था, यह वही वर्ष है जब मिल्खा सिंह ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वतंत्र भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता था।
बहुत खोजने के बाद मिला 1 रुपए का अनूठा नोट
'भाग मिल्खा भाग' फिल्म को राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने डायरेक्ट किया था। राकेश ओमप्रकाश मेहरा पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ राजीव टंडन ने एक रुपए का किस्सा साझा करते हुए बताया कि उनकी टीम और वह फिल्म के माध्यम से मिल्खा सिंह की कहानी और उनकी प्रशंसा के लिए अनूठा गिफ्ट देना चाहते थे। राकेश ओमप्रकाश ने कहा, 'हमने बहुत लंबे समय तक काफी कुछ खोजा, फिर फाइनली हमने विशेष रूप से एक रुपये के नोट की सोर्सिंग की, जो 1958 में छपा था।'
इसलिए बायोपिक बनवाना चाहते थे मिल्खा सिंह
राकेश ओमप्रकाश ने बताया, 'उस एक रुपए के नोट की खास बात यही थी कि यह उसी साल छपा था जिस वर्ष मिल्खा सिंह ने भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा उन्होंने एशियाई खेलों में भी दो स्वर्ण पदक जीते।' राकेश ओमप्रकाश बताते है कि बायोपिक को अनुमति देने के लिए मिल्खा सिंह ने कभी पैसे को प्राथमिकता नहीं दी, वे चाहते थे कि मेहरा यह फिल्म बनाएं। मिल्खा सिंह चाहते थे उनकी बायोपिक से अधिक से अधिक युवाओं को एथलेटिक्स में गोल्ड जीतने के लिए प्रेरित हों।
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