विभाजन के बाद भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था- हाईकोर्ट जज
नई दिल्ली। मेघालय हाईकोर्ट के जज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कानुन मंत्री और सांसदों से गुजारिश की है कि वह ऐसा कानून पास करें जिससे हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी, खसिस, जैन्तियास, गारो को पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से भारत आने में किसी भी तरह की कोई दिकक्त ना हो। उन्होंने कहा कि कानून ऐसा होना चाहिए जिसमे इन तमाम लोगों को भारत की नागरिकता देने के लिए किसी भी तरह के दस्तावेज की मांग नहीं की जाए।
बिना
दस्तावेज
के
मिले
नागरिकता
जस्टिस
सुदीप
रंजन
सेन
ने
कहा
कि
आज
भी
पाकिस्तान,
बांग्लादेश,
अफगानिस्तान
में
हिंदू,
सिख,
जैन,
बौद्ध,
ईसाई,
पारसी,
खसिस,
जैन्तियास,
गारो
लोगों
पर
शोषण
हो
रहा
है
और
उनके
पास
जाने
को
कोई
जगह
नहीं
है।
जो
हिंदू
विभाजन
के
बाद
भारत
आए
उन्हें
भी
विदेशी
माना
जाता
है,
मेरा
मानना
है
कि
यह
बहुत
ही
अतार्किक,
गैरकानूनी
और
प्राकृतिक
न्याय
के
सिद्धांत
के
खिलाफ
है।
इसके
साथ
ही
जस्टिस
सेन
ने
कहा
कि
पाकिस्तान,
बांग्लादेश
और
अफगानिस्तान
में
रह
रहे
लोगों
को
भारत
आने
की
आजादी
होनी
चाहिए।
उन्होंने
यह
बात
एक
याचिका
की
सुनवाई
के
दौरान
कही।
दरअसल
मेघालय
के
स्थानीय
नागरिक
को
जब
राज्य
सरकार
की
ओर
से
निवास
प्रमाण
पत्र
देने
से
इनकार
कर
दिया
गया
तो
इसके
खिलाफ
कोर्ट
में
याचिका
दायर
की
गई
थी,
जिसपर
सुनावाई
करते
हुए
जस्टिस
सेन
ने
यब
बात
कही।
किसी
को
मुस्लिम
राष्ट्र
बनाने
की
कोशिश
नहीं
करनी
चाहिए
जस्टिस
ने
अपने
आदेश
में
कहा
कि
हिंदू
और
शिख
जिनकी
उत्पत्ति
मूलरूप
से
भारत
में
हुई
है,
उन्हें
एक
बार
फिर
से
वापस
भारत
आने
की
आजादी
मिलनी
चाहिए,
साथ
ही
उन्हें
देश
की
नागरिकता
स्वत:
मिल
जानी
चाहिए।
जस्टिस
सेन
यहीं
नहीं
रुके
उन्होंने
कहा
कि
भारत
को
हिंदू
राष्ट्र
घोषित
कर
देना
चाहिए
था।
जस्टिस
ने
अपने
फैसले
में
कहा
कि
पाकिस्तान
ने
खुद
को
इस्लामिक
राष्ट्र
घोषित
कर
दिया
था।
चूंकि
भारत
धर्म
के
आधार
पर
अलग
हुआ
था,
लिहाजा
उसे
खुद
को
हिंदू
राष्ट्र
घोषित
कर
लेना
चाहिए
था,
लेकिन
आज
भी
भारत
सेक्युलर
राष्ट्र
है।
सिर्फ
मोदीजी
की
सरकार
ही
इसे
समझ
सकती
है
इसके
साथ
ही
जस्टिस
सेन
ने
केंद्र
सरकार
के
असिस्टेंट
सॉलिसिटर
जनरल
ऑफ
इंडिया
को
निर्देश
दिया
है
कि
वह
उनके
फैसले
की
एक
प्रति
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी,
गृहमंत्री,
कानून
मंत्री,
मेघालय
के
राज्यपाल,
पश्चिम
बंगाल
की
मुख्यमंत्री
को
भी
सौंपे।
जज
ने
कहा
कि
मैं
यह
साफ
कर
देना
चाहता
हूं
कि
किसी
को
भी
भारत
को
इस्लामिक
देश
बनाने
की
कोशिश
नहीं
करनी
चाहिए,
अन्यथा
भारत
और
दुनिया
के
लिए
अभिषाप
होगा।
मुझे
भरोसा
है
कि
सिर्फ
नरेंद्र
मोदी
जी
की
अगुवाई
वाली
मौजूदा
सरकार
ही
इस
विषय
की
गंभीरता
को
समझ
सकती
है
और
इसके
लिए
उचित
कदम
उठाएगी।