मेघालय सरकार असम से लगी सीमा पर स्थापित करेगी 7 चौकियां, कैबिनेट ने दी मंजूरी
मेघायल सरकार असम से लगी सीमा पर 7 चौकियां स्थापित करेगी। इसको लेकर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। चौकियों को जल्द से जल्द स्थापित किया जा सके, इसको लेकर राज्य सरकार की तरफ से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है।
मेघालय सरकार असम से लगी सीमा पर सात चौकियां (बीओपी) स्थापित करने का फैसला किया है। इस बात की जानकारी सरकार की तरफ से मंगलवार को दी गई है। मेघालय सरकार की तरफ से ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि असम-मेघालय की सीमा पर होने वाली झड़पों को कम किया जा सके। आपको बता दें कि बीते दिनों असम-मेघालय सीमा से लगे मुकरोह क्षेत्र में गोलीबारी की घटना में मेघालय के पांच लोगों और असम के एक फॉरेस्ट गार्ड सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से दोनों राज्यों की सीमा पर तनाव व्याप्त है।
असम सीमा पर सात चौकियां स्थापित करने का फैसला मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की अध्यक्षता में शिलांग में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हुआ। जानकारी के मुताबिक कैबिनेट ने मेघालय में सीमावर्ती क्षेत्रों में संवेदनशील स्थानों में चौकियों के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
ये चौकियां पूर्वी जयंतिया हिल्स में मूरियाप, पश्चिम जयंतिया हिल्स में मुकरोह और तिहवीह, री-भोई में रानी-जीरांग, उमवाली, लेजाडुबी और पश्चिम खासी हिल्स में लंगपीह में स्थापित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द से जल्द चौकियों का निर्माण हो इसको लेकर तेजी से काम किया जाएगा।
बैठक के दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ब्लॉक 2 की सीमा से लगे री भोई जिले के लिए भी चौकियां स्थापित करने के सुझाव आए थे। लेकिन इस पर राज्य सरकार की तरफ से स्थानीय लोगों के साथ बातचीत के बाद फैसला लिया जाएगा। इस संबंध में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पुलिस महानिदेशक (DGP) मेघालय से क्षेत्रों का दौरा करने और ब्लॉक 2 में अंतर के क्षेत्रों के लिए एक प्रस्ताव के साथ आने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चौकी को आधिकारिक तौर पर पश्चिम खासी हिल्स में अथियाबाड़ी के लिए मंजूरी दी जाएगी। वहीं, मेघालय कैबिनेट ने मेघालय मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल नीति को भी मंजूरी दी है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि "एक राज्य के रूप में और एक सरकार के रूप में हमने महसूस किया कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को बहुत लंबे समय से उपेक्षित किया गया है और इसलिए, इसके समाधान के लिए एक व्यापक नीति की आवश्यकता थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेघालय भारत का तीसरा राज्य है मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल के लिए एक नीति लेकर आया है। यह नीति विशेष रूप से बच्चों, किशोरों और युवाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर उचित ध्यान देगी। इसके अलावा मंगलवार को मेघालय कैबिनेट ने पीड़ित मुआवजा योजना 2019 में संशोधन को भी मंजूरी दी।
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