विवादों में कैटरीना का 'काला चश्मा': झूठ बोलकर किसे ठगा गया?
नई दिल्ली। इन दिनों बच्चे-बच्चे की जुबान पर फिल्म 'बार-बार देखो' का गाना 'काला चश्मा' चढ़ा हुआ है। फिल्म हिट हो या ना हो फिल्म के इस गाने ने जरूर झंडे गाड़ दिए हैं। लेकिन इसी गाने को लेकर एक काली हकीकत सामने आ रही है जिस पर भरोसा किया जाये या नहीं ये लोगों को समझ में नहीं आ रहा है।
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दऱअसल इस गाने को लिखने का दावा किया है पंजाब पुलिस के कांस्टेबल अमरीक सिंह शेरा ने, जो कि इन दिनों कपूरथला में तैनात हैं। अमरीक सिंह का कहना है कि उनसे इस गाने को लेकर मुंबईवालों ने झूठ बोला । पिछले साल कुछ मुंबईवाले उनके पास आये थे और कहा कि सीमेंट कंपनी कार्यक्रम में ये गाना बजेगा, जिसे तुम हमें बेच दो।
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मैंने भी 11 हजार में इसे बेच दिया लेकिन मुझे बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि ये गाना फिल्म में प्रयोग होगा। हालांकि अमरीक सिंह ने कहा कि वो गाने की लोकप्रियता से बहुत खुश हैं लेकिन उन्हें दुख इस बात का है उन्हें हकीकत नहीं बतायी गई, ये उनके साथ धोखा है।
कैसे लिखा गाना?
अमरीक सिंह ने कहा कि साल 1990 में वो अपने मित्रों के साथ चंडीगढ़ घूमने गये थे, जहां एक पुलिस वाले एक खूबसूरत लड़की को, जिसने आंखों पर काला चश्मा लगाया था, उसे घूरे जा रहा है, तभी मेरी कलम काले चश्मे पर चल गई।
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हालांकि आज अमरीक सिंह कहते हैं कि उन्हें नौकरी के कारण अब गाना लिखने का टाइम नहीं मिलता है लेकिन इस गाने की लोकप्रियता उन्हें फिर से गाने लिखने के लिए कह रही है।