मथुरा हिंसा: SP सिटी मुकुल द्विवेदी की मौत के जिम्मेदार SSP राकेश कुमार?
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। मथुरा में हुई हिंसा को लेकर पूरा देश सन्न है। इस हादसे में SP सिटी मुकुल द्विवेदी और एक SO संतोष कुमार शहीद हो गए हैं। इसके अलावा 20 लोगों की मौत भी हुई है। इस ऑपरेशन को अगर करीब से देखें तो इन दोनों जांबाज जवानों की शहादत के जिम्मेदार कोई नहीं बल्कि मथुरा के SSP राकेश कुमार ही हैं। यही है रामवृक्ष यादव जिसके इशारे पर मथुरा में मचा मौत का तांडव
जी हां सपा नेता रामगोपाल यादव का बरदहस्थ प्राप्त किए हुए मथुरा के एसएसपी राकेश कुमार अगर अपने कर्तव्य का निष्ठापूर्वक निभाते तो शायद मथुरा में मातम नहीं पसरता। या यूं कहें कि एसएसपी अगर सजग होते तो मथुरा में इतनी लाशें नहीं बिछती।
पहली बार नहीं हुई यूपी में पुलिस की हत्या, गुंडाराज बन रही है यहां की संस्कृति
जानकारी के मुताबिक एसएपी राकेश कुमार मोका ए वारदात पर नहीं जाते थे। वो अकसर घर पर या फिर दफ्तर में ही दरबार सजाया करते थे। सिर पर रामगोपाल यादव का हाथ होने चलते राकेश कुमार इस कदर ठाठ में रहते थे कि डीएम तक की परवाह नहीं करते थे। इतना ही नहीं डीआईजी और आईजी जैसे अफसर उनसे घबराते थे।
आपको बता दें कि डीएम और आईजी रैंक और ओहदे में एसएसपी से सीनियर होते हैं। मौका ए वारदात से राकेश कुमार की कमी को पूरा करने और पुलिसिंग का ग्राउंड वर्क करने के लिए ज्यादातर मौकों पर ईमानदार छवि वाले एसपी सिटी मुकुल दिवेदी ही दिखाई देते थे। राकेश कुमार ने ये भी परवाह नहीं की कि पहले वो लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) की रिपोर्ट लें और बाद में एसपी सिटी को जवाहरबाग भेजें जहां हथियारों के जखीरे की खबर पहले भी ख़ुफ़िया एजेंसियों को मिली थी।
बिना तैयारी एसएसपी ने एसपी सिटी को क्यों भेजा
इस दर्दनाक हिंसा के बाद जो सबसे अहम सवाल उठ रहा है वो ये है कि बिना होमवर्क किए पुलिस टीम को मौके पर क्यों भेज दिया गया? मौके पर पुलिस तब पूरी तरह घबरा गई जब पहले से तैयारी में बैठे लगभग 3000 सत्याग्रही प्रदर्शनकरियों ने उन्हें घेर लिया। प्रदर्शनकारियों के पास मौजूद अश्लहों के सामने पुलिस की तैयारियां धरी की धरी रह गई। एसएसपी राकेश कुमार इस पुरे मामले में थोड़ा भी एक्टिव नहीं दिखे।