एक मई को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होगा पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर
नई दिल्ली। भारत और मोदी सरकार के लिए एक मई को यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) से जीत की खबर आ सकती है। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी पर अगर यकीन करें तो एक मई को यूएनएससी में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि चीन एक मई को मसूद अजहर पर लगाए गए टेक्निकल होल्ड को हटा सकता है। चीन ने मार्च में चाथी बार यूएन की प्रतिबंध समिति के सामने अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाले भारत के प्रस्ताव पर टेक्निकल होल्ड लगा दिया था। यूएन में जैश पर पहले ही प्रतिबंध लगा हुआ है।
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मोदी सरकार के लिए बड़ी जीत
ग्लोबल टेररिस्ट का टैग मिलना न सिर्फ भारत के लिए बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए भी एक बड़ी राजनयिक जीत होगी। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही लगातार भारत की ओर से इसके प्रयास किए जा रहे थे। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और इसकी जिम्मेदार जैश ने ही ली थी।
मई दिवस बनेगा मुसीबत का दिन
एक सीनियर ऑफिसर की ओर से बताया गया है, 'मई दिवस मसूद अजहर के लिए बड़ा मुश्किल दिन होने वाला है क्योंकि इसी दिन उसे यूएन की इस्लामिक स्टेट और अल कायदा प्रतिबंध समिति की ओर से ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया जाएगा। चीन इस दिन अमेरिका, फ्रांस और यूके की मांग को मानते हुए पुलवामा आतंकी हमले के साजिशकर्ता को सजा दिलाने का रास्ता खोलेगा।'
चीन हटाएगा अपना टेक्निकल होल्ड
इस अधिकारी की ओर से बताया गया है कि चीन ने जो टेक्निकल होल्ड लगाया था वह एक मई को उसे हटा सकता है। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की ओर से अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाला प्रस्ताव उस समय यूएनएससी में पेश किया गया था। पुलवामा आतंकी हमले के तुरंत बाद आए इस प्रस्ताव में यूएन की 1267 प्रतिबंध समिति से अजहर को आतंकी घोषित करने की मांग की गई थी। 13 मार्च को जब इस प्रस्ताव का अंतिम दिन था, चीन ने यह कहकर इस पर टेक्निकल होल्ड लगा दिया कि उसे इस पर चर्चा के लिए और समय चाहिए।
चौथी बार चीन ने डाला था अड़ंगा
यह चौथा मौका था जब चीन ने इस प्रस्ताव पर अड़ंगा डाला था। जैश को अक्टूबर 2001 में ही यूएन में बैन किया जा चुका है। पिछले हफ्ते भारत की यात्रा पर आए अमेरिका के मुख्य विदेश उप सहायक सचिव एलिस वेल्स ने भी कहा था कि अमेरिका भी चाहता है कि अजहर के खिलाफ एक्शन लिया जाए। वहीं भारत में यूके के उच्चायुक्त डॉमिनिक एस्किथ ने भी अजहर के बैन होने पर उम्मीद जताई थी।