ट्रंप के डिनर में शामिल नहीं होंगे मनमोहन सिंह और गुलाम नबी आजाद
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। यात्रा के पहले दिन राष्ट्रपति ट्रंप अहमदाबाद होते हुए सोमवार शाम दिल्ली पहुंचे। अब मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्रंप के सम्मान में डिनर का आयोजन किया है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ-साथ लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता को भी निमंत्रण भेजा गया है। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने इस डिनर का बहिष्कार किया है।
खबरें आ रही है कि, रामनाथ कोविंद की ओर से आयोजित रात्रिभोज में पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद शामिल नहीं होंगे। सूत्रों के मुताबिक, मनमोहन सिंह ने पहले निमंत्रण स्वीकार कर लिया था लेकिन उन्होंने इस भोज में शामिल होने में सोमवार को असमर्थता जाहिर की। वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आमंत्रित नहीं किए जाने के विरोध में आधिकारिक भोज में शामिल नहीं होंगे।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी डिनर में नहीं शामिल होने की बात कही थी। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि मोदी सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ प्रमुख विपक्षी पार्टी को विचार-विमर्श करने की अनुमति देने की पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा, 'मैं 25 फरवरी को राष्ट्रपति द्वारा आयोजित भोज में शामिल नहीं होऊंगा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह संभवत: पहली बार है जब मुख्य विपक्षी दल के नेता यात्रा पर आए किसी राष्ट्राध्यक्ष के सम्मान में आयोजित आधिकारिक भोज में शामिल नहीं होंगे और अलग से बैठक नहीं करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए अधीर ने कहा था कि लोकतंत्र में शिष्टाचार नाम की भी एक चीज होती है। मोदी लोकतंत्र के मायने बदल रहे हैं। अब तो भारत का मतलब ही 'मोदी शो' लगता है। कांग्रेस 134 साल पुरानी राजनीतिक पार्टी है। दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों में कांग्रेस के नेता स्वीकृत हैं, फिर भी ट्रंप के रात्रिभोज में सोनिया गांधी को नहीं बुलाया गया। यह अपमानजनक है।
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