अंबानी के घर एंटीला और हॉलीवुड फिल्म ग्रैविटी से भी सस्ता मंगलयान
बैंगलोर। भारत ने बुधवार को जो मंगलयान के साथ जो कामयाबी हासिल की है, उसके बाद पूरी दुनिया में भारतीय वैज्ञानिकों के लिए तालियां बज रही हैं।
वहीं यह मिशन एक और वजह से भी काफी खास हो गया है और वह इस पर आई लागत। भारत का मंगल मिशन दुनिया में अब तक का सबसे सस्ता मंगल मिशन है।
सिर्फ इतना ही नहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के घर एंटीला और हॉलीवुड की फिल्म 'ग्रैविटी ' भी भारत के मंगलयान से महंगे हैं।
सिर्फ 450 करोड़ रुपए यानी 67 मिलियन डॉलर की लागत से भारत ने जिस सफलता हो पहली बार में ही हासिल कर लिया है, उस सफलता को हासिल करने में अमेरिका, सोवियत यूनियन और यूरोपियन देशों को अरबों डॉलर खर्च करने पड़ गए थे।
एक नजर डालिए दुनिया की कौन सी एजेंसी ने अब तक मार्स मिशन पर कितना खर्च किया है और उसके तुलना में भारत कहां पर आता है।
नासा का मेवन 671 मिलियन डॉलर
लांचिंग-
18
नवंबर
2013
मार्स
ऑरबिट
में
प्रवेश-2
1
सितंबर
2014
मिशन
की
लागत
671
मिलियन
डॉलर
386 मिलियन डॉलर
यूरोपियन स्पेस एजेंसी यानी इएसए ने जून 2003 को मार्स मिशन लांच किया था। इसकी लागत करीब 386 मिलियन डॉलर थी।
189 मिलियन डॉलर का खर्च
जापान ने जुलाई 1998 में मार्स मिशन लांच किया था। वर्ष 2003 को उसका स्पेसक्राफ्ट नोझोमी मंगल की कक्षा में प्रवेश करने में असफल रह गया। लेकिन जापान को अपने इस प्रोजेक्ट पर करीब 189 मिलियन डॉलर खर्च करने पड़ गए थे।
117 मिलियन डॉलर का खर्च
आठ नवंबर 2 011 को रूस और चीन ने मिलकर साथ में मंगल मिशन की शुरुआत की थी लेकिन यह मिशन फेल हो गया था। इस प्रोजेक्ट में करीब 117 मिलियन डॉलर का खर्च आया था।
सबसे सस्ता मंगल मिशन
वहीं भारत ने नवंबर 2013 में मंगल मिशन की शुरुआत की थी और अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल की मानें तो भारत का मंगल मिशन दुनिया का सबसे सस्ता मंगल मिशन है। इसके खर्च का आधिकारिक आंकड़ा 67 मिलियन डॉलर का है।
100 मिलियन डॉलर
चार अक्टूबर 2013 को रिलीज हुई फिल्म 'ग्रैविटी' को 100 मिलियन डॉलर के बजट से निर्मित किया गया था।
70 मिलियन डॉलर का एंटीला
रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी जिस एंटीला में रहते हैं उसके निर्माण में करीब 70 मिलियन डॉलर का खर्च आया था और आज इसकी कीमत 1 बिलियन डॉलर है।