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कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में क्यों उतरे मल्लिकार्जुन खड़गे ? उन्होंने शशि थरूर को लेकर कही ये बात

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नई दिल्ली, 2 अक्टूबर: कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लगभग एकतरफा होता नजर आ रहा है। केरल से सांसद शशि थरूर ने हालांकि काफी पहले से इसके लिए तैयारी की है, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आते ही तस्वीर लगभग स्पष्ट हो चुकी है। वैसे, औपचारिकता चुनाव की हो रही है, इसलिए परिणाम आने से पहले दावे के साथ कुछ भी कहना उचित नहीं है। इस बीच खड़गे ने बताया है कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया, जिसके लिए उन्हें राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष के पद से भी इस्तीफा देना पड़ गया है। जहां तक उनकी उम्मीदवारी की बात है तो जी-23 के कई नेता भी उनके साथ हैं और कई गैर-कांग्रेसी नेता भी उनकी दावेदारी को ज्यादा मजबूत मान रहे हैं।

किसी का विरोध करने के लिए नहीं लड़ रहा चुनाव- खड़गे

किसी का विरोध करने के लिए नहीं लड़ रहा चुनाव- खड़गे

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने को लेकर रविवार को एक बहुत बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उनके इस चुनाव में उतरने का यह मकसद कतई नहीं है कि उन्हें किसी का विरोध करना है।' 80 साल के बुजुर्ग कांग्रेसी ने रविवार से अपने प्रचार अभियान का आगाज किया है। उनके प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर ने शनिवार से ही अपना अभियान शुरू कर दिया है। खड़गे ने यह भी बताया है कि उन्होंने 'एक व्यक्ति, एक पद' के नियम के तहत राज्यसभा में नेता विपक्ष की कुर्सी छोड़ दी है। कांग्रेस ने भाजपा की तरह ही पार्टी में यह नियम लागू किया है और राजस्थान में जो पार्टी के भीतर बवाल हुआ है, उसकी जड़ों में भी यही नियम रहा है। क्योंकि, अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए यह चुनाव लड़ने की बात कही थी।

'पार्टी को मजबूत करने के लिए उतरा हूं'

'पार्टी को मजबूत करने के लिए उतरा हूं'

खड़गे ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के बारे में कहा है कि 'मैं कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में किसी का विरोध करने के लिए नहीं, बल्कि पार्टी को मजबूत करने के लिए उतरा हूं। जिस दिन मैंने अपना नामांकन दाखिल किया था, उसी दिन मैंने उदयपुर में लिए गए पार्टी के 'एक व्यक्ति, एक पद' वाले फैसले के तहत अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। मैं आज से आधिकारिक तौर पर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए अपना अभियान शुरू कर रहा हूं।' उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी के वरिष्ठ और युवा नेताओं ने समान रूप से उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह किया, तब वह चुनाव मैदान में उतरे हैं। गौरतलब है कि खड़गे के खिलाफ चुनाव मैदान में सिर्फ थरूर ही बच गए हैं, जो काफी पहले से अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर चुके थे और खड़गे की एंट्री नामांकन के आखिरी दिन वाइल्ड कार्ड एंट्री की तरह हुई है।

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव प्रचार में भी निशाने पर भाजपा सरकार

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव प्रचार में भी निशाने पर भाजपा सरकार

खड़गे चुनाव तो कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन उनके एजेंडे में हमेशा की तरह बीजेपी की आलोचना करना ही प्राथमिकता बनी हुई है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा है, 'बेरोजगारी है, महंगाई बढ़ रही है, बीजेपी के सारे वादे पूरे नहीं हुए हैं।' गौरतलब है कि भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार के मुखर आलोचक होने की वजह से ही खड़गे कांग्रेस पार्टी की फर्स्ट फैमिली के चहेते बने रहे हैं और पहले लोकसभा में पार्टी के सदन के नेता बनाए जाने के बाद, उन्हें राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनने का मौका मिला था; और अब संभावित तौर पर उस पद पर बैठने वाले हैं, जिसपर ढाई दशकों से भी ज्यादा समय से गांधी परिवार का एकाधिकार रहा है।

सीपीआई ने भी खड़गे की उम्मीदवारी को मजबूत बताया

सीपीआई ने भी खड़गे की उम्मीदवारी को मजबूत बताया

थरूर के मुकाबले खड़गे की मजबूत उम्मीदवारी का अंदाजा इसी से लग सकता है कि लेफ्ट पार्टियां भी उनकी जीत की संभावनाएं पहले से ही जताने लगी हैं। सीपीआई के महासचिव डी राजा ने कहा है कि 'उन्हें देश के बहुत वरिष्ठ नेता होने का फायदा है, जिन्हें दूसरे दलों तक संपर्क बनाना आता है। यहां तक कि कुछ जी-23 के नेता भी उनका समर्थन करते दिख रहे हैं। थरूर उनके मुकाबले युवा और नए हैं........लेकिन, यह सब कैसे होता है, हमें इंतजार करना होगा......'

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खड़गे का करेंगे प्रचार,तीन प्रवक्ताओं ने पद छोड़ा

खड़गे का करेंगे प्रचार,तीन प्रवक्ताओं ने पद छोड़ा

हालांकि, कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के चुनाव में किसी के भी आधिकारिक उम्मीदवार होने से इनकार किया है, लेकिन नामांकन से लेकर प्रचार अभियान तक जिस तरह से पूरा संगठन खड़गे के पीछे खड़ा दिख रहा है, उससे लगता है कि अब चुनाव की औपचारिकता ही हो रही है। पहला तो यह कि बिना कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भरोसे में लिए हुए उन्होंने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ा होगा, ऐसा संभव नहीं लगता। दूसरा, उनके समर्थन में पार्टी के तीन प्रवक्ता गौरभ वल्लभ, दीपेंद्र हुड्डा और सैयद नासीर हुसैन ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि गौरव वल्लभ शुरू में ही थरूर की गांधी परिवार की वफादारी पर सवाल उठा चुके हैं, जिसको लेकर उन्हें पार्टी से कड़ी फटकार भी लग चुकी है। अब उन्होंने घोषणा की है, 'हम तीनों (वल्लभ, हुड्डा और हुसैन) पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रचार अभियान के लिए आधिकारिक प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे रहे हैं और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करवाना चाहते हैं।'

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English summary
Mallikarjun Kharge has said that he did not decide to contest the election of Congress President to oppose Shashi Tharoor.He wants to strengthen the party
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