Malabar 2020: चीन-पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश के साथ खत्म हुआ युद्धाभ्यास
मुंबई। शुक्रवार को क्वाड संगठन की चार नौसेनाओं के बीच हुए मालाबार युद्धाभ्यास का समापन हो गया है। अरब सागर और पश्चिमी हिंद महासागर पर इंडियन नेवी के अलावा, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका की नौसेनाओं ने अभ्यास किया। 17 नवंबर से 20 नवंबर तक इस युद्धाभ्यास का दूसरा चरण आयोजित हुआ था। पहला चरण का आयोजन 3 से 6 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी में किया गया था। पहला मौका था जब ऑस्ट्रेलिया ने इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया था।
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नौसेना ने परखी युद्ध की तैयारियां
इंडियन नेवी के उप-प्रमुख वाइस एडमिरल एमएस पवार ने कहा कि मालाबार की वजह से नौसेना को उसकी युद्धक तैयारियों का प्रदर्शन करने में मदद मिली है। साथ ही पारस्परिकता और मैरीटाइम क्षेत्र में हर तरह की चुनौती को पूरा करने की क्षमता का प्रदर्शन नौसेना ने सफलतापूर्वक किया। इस साल आस्ट्रेलिया के भी शामिल हो जाने के बाद ये इस समय का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास था। इस अभ्यास को भारत के पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर दोनों ही क्षेत्रों में किया गया। इसके साथ ही चीन और पाकिस्तान दोनों को ही साफ संदेश दिया गया। खास बात ये थी कि इस अभ्यास में भारतीय नौसेना का आईएनएस विक्रमादित्य कैरियर बैटल ग्रुप और अमेरिकी निमित्ज कैरियर बैटल ग्रुप्स दोनों शामिल थे। इसके अलावा चारों नौसेनाओं के कई डेस्ट्रायर्स, फ्रिगेट्स, सबमरीन, हेलीकॉप्टर, फाइटर और टोही एयरक्राप्ट्स ने भी अभ्यास में हिस्सा लिया। मालाबार अभ्यास का मकसद सभी के लिए खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर आधारित समुद्र है। ये लक्ष्य साफ तौर पर चीन की हरकतों के खिलाफ एक साझा समुद्री मोर्चा है। चीन, लंबे अरसे से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी मनमानी करता रहा है। यह पहला मौका है जब इंडियन नेवी के सबसे बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ अमेरिका का सुपरकैरियर यूएसएस निमित्ज ने भी हिस्सा लिया।