'मजबूर' बैंक को बनाया 'मजबूत', उद्योगपतियों का कर्जा नहीं किया माफ: अरुण जेटली
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा उद्योगपतियों के कर्ज को माफ किए जाने की खबरों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को खारिज कर दिया। अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने सभी बड़े डिफाल्टरों के खिलाफ कड़े एक्शन ले रही है साथ ही इस प्रकिया में मजबूर बन गए बैंकों को वित्तीय रुप से मजबूत बनाने के प्रयास कर रही है। वित्त मंत्री ने बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ किए जाने की अफवाहों पर दुख जताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि देश को इस मामले में तथ्यों का पता चलना चाहिए।
अरुण जेटली ने कहा, 'लोगों को यह सवाल पूछना चाहिए जो उद्योगपतियों को जो दिए गए कर्ज जो आज एनपीए (NPA) में बदल गए हैं, किसके समय में दिए गए। ये सभी लोन बैंकों द्वारा 2008 से 2014 के बीच में दिए गए हैं।' जेटली ने आगे कहा, 'लोगों को यह पूछना चाहिए कि उद्योगपतियों को ये लोन किसके दबाव में दिए गए। साथ ही उन्हें यह भी पूछना चाहिए कि जब इन उद्योगपतियों ने लोन कि किस्त नहीं चुकाए या उन्हें देने में देरी की तो उस समय की यूपीए सरकार ने इनसे पैसे वसूलने के लिए क्या कदम उठाए?'
अरुण जेटली ने कहा कि यूपीए सरकार ने कर्ज लेकर नहीं चुकाने वालों के खिलाफ एक्शन लेने की जगह उन्हें राहत दी। जेटली ने हमारी सरकार ने किसी भी बड़े उद्योगपति के कर्ज को माफ नहीं किया है। हमने बैंक लोन लिए 12 सबसे बड़े डिफाल्टरों की सूची बनाई है। नए इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड के तहत इन सभी डिफाल्टरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इन 12 डिफाल्टर्स के पास कुल 1 लाख 75 हजार करोड़ रुपये एनपीए है।
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