शरद पवार की NCP में टूट! अजीत पवार को अभी और कितने विधायक चाहिए?
मुंबई। महाराष्ट्र में शनिवार की सुबह एक बड़े सियासी उलटफेर ने शिवसेना को झटका दिया जब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई और एनसीपी के अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस उलटफेर ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भी हैरान कर दिया जब उनको पता चला कि अजीत पवार ने बीजेपी को समर्थन दे दिया है। शरद पवार ने इसके बाद बयान दिया कि ये अजीत पवार का निजी फैसला है। एनसीपी के कई नेता यही बात दोहराते नजर आए, ऐसे में साफ होने के लगा है कि एनसीपी दो धड़ों में बंट सकती है।
शरद पवार के भतीजे अजीत बने डिप्टी सीएम
अजीत पवार एनसीपी विधायक दल के नेता हैं और यही कारण है कि सभी विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र भी उन्हीं के पास था। सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार को उनके इरादे की भनक लगती कि इसके पहले, अजीत पवार ने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला कर लिया। बदले सियासी समीकरण पर शरद पवार ने कहा कि बीजेपी को समर्थन देने का फैसला अजीत पवार का निजी निर्णय है, पार्टी का नहीं। वहीं, सरकार बनाने के लिए दावे की बात करें तो आधिकारिक तौर पर विधायक दल के नेता का समर्थन पत्र मान्य होता है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करने का मौका दिया है।
अजीत पवार ने की बगावत!
सूत्रों के मुताबिक, अजीत पवार ने शरद पवार से अलग होकर बीजेपी को समर्थन दिया है और उनके पास कम से कम 25 विधायकों का समर्थन है। हालांकि, पार्टी के नेता नवाब मलिक का दावा है कि कोई भी विधायक अजीत पवार के साथ नहीं है। नवाब मलिक ने कहा, 'हमने उपस्थिति के लिए विधायकों से हस्ताक्षर लिए थे, शपथ के लिए इसका दुरुपयोग किया गया।'
अजीत पवार को कितने विधायकों की जरूरत?
दल-बदल निरोधक कानून के तहत, एनसीपी से अलग होने के लिए अजीत पवार को 25 नहीं बल्कि और विधायकों की जरूरत होगी। एनसीपी के अभी 54 विधायक हैं। जबकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि 25 विधायक अजीत के समर्थन में हैं। यदि किसी पार्टी के एक साथ दो-तिहाई सांसद या विधायक अलग होते हैं तो उन पर ये कानून लागू नहीं होता। ऐसे में अजीत पवार को इस कानून से बचने के लिए कुल 36 विधायकों की दरकार होगी। यानी अभी के दावे के मुताबिक, उनके पास 11 विधायक कम हैं।
क्या होगा शरद पवार का अगला कदम?
शनिवार की सुबह अजीत पवार के बीजेपी के साथ जाने के फैसले ने शरद पवार सहित पार्टी के तमाम नेताओं को हैरान कर दिया है। शरद पवार ने कहा कि ये फैसला पार्टी का नहीं है। उन्होंने कहा कि ये अजीत पवार का निजी फैसला है। शरद पवार ने आगे कहा कि यह साफ करना चाहता हूं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते हैं। वहीं, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने भी कहा है कि पार्टी और परिवार टूट गया। अब शरद पवार का अगला कदम क्या होगा, इसपर नजरें टिकी हैं। इस बड़े सियासी उलटफेर को लेकर शिवसेना ने भी अजीत पवार पर ही निशाना साधा है। संजय राउत ने कहा कि अजीत पवार ने शरद पवार को धोखा दिया है।