मध्य प्रदेश: मायावती-अखिलेश के बाद अब कांग्रेस के इस सहयोगी ने किया अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और मोर्चे पर तगड़ा झटका लगा है। केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन में अहम सहयोगी एनसीपी ने मध्य प्रदेश चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। आगामी चुनाव को लेकर पार्टी की ओर से घोषणा पत्र भी जारी किया गया है। पहले बसपा सुप्रीमो मायावती, फिर सपा मुखिया अखिलेश यादव के बाद अब एनसीपी के चुनाव मैदान में उतरने से कांग्रेस का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
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एनसीपी के आने से कांग्रेस की रणनीति होगी प्रभावित
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य राजेंद्र जैन और पार्टी के गुजरात इकाई के प्रवक्ता नकुल सिंह ने शुक्रवार को भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश में पार्टी के चुनाव में उतरने का ऐलान किया, साथ ही एनसीपी का घोषणा-पत्र भी जारी किया। इस मौके पर दोनों नेताओं ने बताया कि हम राज्य में समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन की कोशिश कर रहे हैं।
NCP ने जारी किया चुनावी घोषणा पत्र
चुनावी घोषणा पत्र का जिक्र करते हुए दोनों एनसीपी नेताओं ने कहा कि पार्टी किसानों की कर्ज माफी, उन्हें मुफ्त बिजली-पानी मुहैया कराने के वादे के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। उन्होंने वादा किया कि उनकी पार्टी प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जरूरी कदम उठाएगी। इसके अलावा युवाओं को रोजगार मुहैया कराने का भी वादा पार्टी की ओर से किया गया है।
सपा, बसपा के बाद एनसीपी भी मैदान में
एनसीपी पहले भी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतार चुकी है। 2013 के विधानसभा चुनावों में एनसीपी ने प्रदेश की 72 सीटों पर कैंडिडेट उतारे थे। उस चुनाव में पार्टी को करीब 0.3 फीसदी वोट मिले थे। जिन भी सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार उतारे थे उन सभी सीटों पर उनकी जमानत जब्त हो गई थी। हालांकि एनसीपी के चुनाव मैदान में होने का खामियाजा कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ा था। कुछ सीटों पर एनसीपी-कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच टक्कर का फायदा बीजेपी को मिला था।
क्या होगा कांग्रेस का अगला प्लान
जिस तरह एनसीपी ने मध्य प्रदेश में एक बार फिर से उम्मीदवार खड़े करने का ऐलान किया है, इसका असर कहीं न कहीं कांग्रेस की रणनीति पर जरूर होगा। बीएसपी और समाजवादी पार्टी के बाद एनसीपी के उम्मीदवार उतारने के ऐलान से पार्टी को अपना चुनावी गणित नए सिरे बैलेंस करना होगा। बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को वोटिंग होगी। चुनाव नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे।
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