लेह में सेना कर सकती है बड़े बदलाव, ले. जनरल मेनन को मिल सकती है चीन से निबटने की जिम्मेदारी!
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच इस समय मोल्डो में छठें दौर की कोर कमांडर वार्ता जारी है। इस वार्ता में भारत की तरफ से एक 'हैवी ड्यूटी' प्रतिनिधि दल हिस्सा ले रहा है। मोल्डो, चीन के हिस्से में आता है और चुशुल के ठीक सामने है। इस मीटिंग की अगुवाई भी लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर रहे हैं। उनके साथ एक और लेफ्टिनेंट जनरल, ले. जनरल पीजीके मेनन भी वार्ता में शामिल हैं। सूत्रों की तरफ से जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक अगले ले. जनरल मेनन, ले. जनरल हरिंदर सिंह की जगह ले सकते हैं।
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डोकलाम के बाद चीन के साथ मीटिंग
ले. जनरल पीजीके मेनन इंडियन आर्मी के वही ऑफिसर हैं जिन्होंने नवंबर 2018 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग के बुमला में आयोजित भारत-चीन वार्ता का प्रतिनिधित्व किया था। उस समय वह मेजर जनरल थे और बुमला में हुई मीटिंग को एक अहम मुलाकात माना गया था। यह मीटिंग साल 2017 में डोकलाम संकट और अप्रैल 2018 में वुहान सम्मेलन के बाद आयोजित हुई थी। वुहान में ही उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पहली अनौपचारिक मुलाकात हुई थी। बुमला में हुई बॉर्डर पर्सनल मीट (बीपीएम) मीटिंग में तय आपसी भरोसे निर्माण की प्रक्रिया का हिस्सा थी। ले. जनरल मेनन ने बुमला में उस समय चीनी जनरल ली शी झोंग के साथ मीटिंग की थी। कहते हैं कि दोनों के बीच आज भी दोस्ताना रिश्ते हैं। सेना के विशेषज्ञ मानते हैं कि ल. जनरल मेनन चीनी सेना के मनोविज्ञान को काफी बेहतरी से समझते हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि ले. जनरल हरिंदर सिंह को चीन के साथ जारी विवाद के बीच ही हटाने का फैसला नियमित प्रक्रिया के तहत लिया गया है या फिर इसके पीछे कोई और वजहें हैं।
मोल्डो में भारत की 'हैवी ड्यूटी' टीम
ले. जनरल हरिंदर सिंह ने पिछले वर्ष अक्टूबर में ही 14 कोर जिस फायर एंड फ्यूरी के नाम से जानते हैं, उसकी जिम्मेदारी संभाली थी। ले. जनरल मेनन फिलहाल दिल्ली स्थित आर्मी हेडक्वार्टर पर तैनात हैं। सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि पहली बार है जब चीन के साथ वार्ता में दो लेफ्टिनेंट जनरल को प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है। ले. जनरल सिंह और ले. जनरल मेनन के अलावा इस प्रतिनिधिदल में दो मेजर जनरल रैंक के ऑफिसर, मेजर जनरल अभिजीत बापट और मेजर जनरल परम शेखावत भी डेलीगेशन में शामिल हैं। इनके अलावा दीपम सेठ जो इंडो-तिब्ब्त बॉर्डर पुलिस, लेह में इंस्पेक्टर जनरल के तौर पर तैनात हैं, चार ब्रिगेडियर भी प्रतिनिधिदल का हिस्सा हैं। विदेश मंत्रालय में बतौर सचिव पूर्वी एशिया का जिम्मा संभाल रहे नवीन श्रीवास्तव बातचीत में शामिल हो रहे हैं। भारत और चीन के बीच मई माह से पूर्वी लद्दाख में टकराव जारी है। लेह स्थित 14 कोर पर ही चीन से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की जिम्मेदारी है।