Lok sabha Elections 2019: सोनिया गांधी के रोड शो में लहराए गए दो झंडे, जानिए क्यों?
रायबरेली। आज जहां देश के 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर मतदान जारी है वहीं दूसरी ओर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से पांचवीं बार नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद सोनिया गांधी ने मीडिया से बात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी देते हुए कि उन्हें साल 2004 नहीं भूलना चाहिए, वाजपेयी भी अजेय थे लेकिन हम जीते थे , गौरतलब है कि साल 2004 में सभी सियासी पंडितों के दावों को खारिज करते हुए कांग्रेस ने वाजपेयी सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था। सोनिया गांधी के साथ पर्चा दाखिल करने के वक्त राहुल, प्रियंका और रॉबर्ट वाड्रा उनके साथ थे।
सोनिया गांधी के रोड शो में दिखे दो तरह के झंडे
सोनिया गांधी के रोड शो में भारी जनसैलाब उमड़ा, जिसमें बच्चे, बूढ़े और जवान शामिल हुए लेकिन इस रोड शो में एक बेहद ही खास बात देखने को मिली और खास बात थी झंडे, सोनिया गांधी के समर्थक रोड शो में दो अलग-अलग रंग के झंडे लिए थे, एक झंडे का रंग नीला था और दूसरे झंडे का रंग काला, नीला झंडा न्यूनतम आय योजना (NYAY) के प्रतीक के रूप में था तो वहीं काले रंग के झंडे से राफेल के खिलाफ कांग्रेस अपना विरोध प्रदर्शन कर रही थी।
क्या है न्यूनतम आय योजना (NYAY)
दरअसल लोकसभा चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने न्यूनतम आय की गारंटी की योजना का ऐलान किया है। पार्टी का दावा है कि अगर उसकी सरकार बनी तो वह देश के गरीबों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी इनकम गारंटी स्कीम लागू करेगी, जिसके जरिए प्रति माह 12 हजार रुपये से कम कमाने वाले परिवार को हर महीने 6 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। कांग्रेस ने इसे न्यूनतम आय योजना का नाम दिया है और शॉर्ट फॉर्म में इसे 'न्याय' के रूप में प्रचारित कर रही है। पार्टी का कहना है कि इस योजना से उन गरीबों को न्याय मिलेगा जो पिछले पांच वर्षों से मुश्किलों से जूझ रहे हैं।
राफेल डील का विरोध
कांग्रेस पूरी तरह से राफेल डील के विरोध में खड़ी है, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुले आम इस डील के लिए मोदी सरकार और पीएम मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहते हैं, बुधवार को जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो राफेल मामले पर दोबारा सुनवाई के लिए तैयार है, उसके बाद कांग्रेस का हमला बीजेपी पर फिर से बढ़ गया है।
नामांकन करने से पहले सोनिया ने की पूजा-अर्चना
सोनिया ने पर्चा दाखिल करने से पहले मां अपराजिता की पूजा की और हवन किया, आपको बता दें कि साल 1967 में इंदिरा गांधी ने भी यहीं पर मां अपराजिता की पूजा की थी और उसके बाद नामांकन किया था, सोनिया भी उसी परंपरा का पालन करती आई हैं।
सपा-बसपा गठबंधन ने नहीं उतारा उम्मीदवार
रायबरेली सीट पर सपा-बसपा गठबंधन ने उम्मीदवार नहीं उतारा है। इस सीट पर 5वें चरण में 6 मई को मतदान होगा। सोनिया ने साल 2004, 2006 के उपचुनाव, 2009 और 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। साल 1957 के बाद कांग्रेस ने इस सीट पर उपचुनाव सहित 19 बार जीत दर्ज की है।