Lok Sabha Elections 2019: चुनावी मौसम में 50 से अधिक सांसद-विधायकों ने दल बदला
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब महज कुछ ही दिन बाकी है, ऐसे में तमाम सियासी दलों में नेताओं का आना जाना शुरू हो गया है। पिछले कुछ दिनों पर नजर डालें तो कई बड़े नेताओं ने अपनी पार्टी को चौंकाया है। हर बार की तरह इस बार के चुनाव में भी कई नेताओं ने अपनी पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टी का दामन थामा है। अगर शीर्ष नेताओं की बात करें तो इस चुनावी मौसम में सबसे बड़ा नाम शत्रुघ्न सिन्हा का है, जोकि लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी में थे, लेकिन इस बार उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा के टिकट पर बिहार में पटना साहिब सीट से लोकसभा सांसद हैं।
दल बदल का अर्थशतक
इस चुनावी मौसम की बात करें तो दल बदलने वाले नेताओं की संख्या 50 को पार कर गई है। शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा जिन नेताओं ने दल बदला है उनमे मौजूदा सांसद और विधायकों की संख्या 39 है। जिसमे जिसमे से तीन सांसद और 10 विधायक भाजपा के हैं जिन्होंने दूसरे दल का हाथ थाम लिया है। जबकि तीन सांसद और एक विधायक ने कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कुल आंकड़ों की बात करें तो कांग्रेस का एक सांसद और 21 विधायकों ने साथ छोड़ा है। वहीं भाजपा के 5 सांसद और 12 विधायकों ने पार्टी को छोड़ा है।
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22 विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़ा
कांग्रेस के जिन 22 विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ा है उसमे से 8 भाजपा में शामिल हो गए हैं। 3 फरवरी को गुजरात के मेहसाणा के उंझा जसीटे से विधायक ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का हाथ थामा था। पटेल ने भाजपा के दिग्गज नेता नारन पटेल को 2017 के विधानसभा चुनाव में हराया था। 8 मार्च को कांग्रेस के विधायक जवाहर चावड़ा ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का हाथ थामा और सरकार में उन्हें मंत्री मिला। गुजरात से तीन और विधायकों ने भाजपा का हाथ थामा था, जिसमे से दो को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। कर्नाटक की बात करें तो कांग्रेस नेता उमेश जाधव, जोकि कलबुर्गी के चिंचोली से पार्टी के विधायक थे उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अब माना जा रहा है कि भाजपा उन्हें कांग्रेस के खिलाफ मैदान में उतार सकती है। अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस विधायक मार्कियो टडो भाजपा में शामिल हो गए हैं। माना जा रहा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा उन्हें मैदान में उतार सकती है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस को झटका
महाराष्ट्र में भी कांग्रेस के विधायकों का दल बदल का सिलसिला जारी है। यहां 12 मार्च को पार्टी के विधायक सुजय विखे पाटिल भाजपा में शामिल हो गए। दरअसल एनसीपी ने उन्हें अहमदनगर सीट से टिकट देने से मना कर दिया था। एक हफ्ते के भीतर उनके पिता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने यहां से सुजय पाटिल को मैदान में उतारा है। कांग्रेस को एक बड़ा झटका टॉम वडक्कम का लगा है। उन्हें पार्टी का दिग्गज नेता माना जाता था।
सोनिया गांधी के करीबी ने भी छोड़ा साथ
केरल कांग्रेस में टॉम वडक्कम एक बड़ा नाम थे, वह एआईसीसी के सदस्य भी थे, उन्हें सोनिया गांधी का करीबी माना जाता था। लेकिन अब वह कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस विधायक दुलाल चंद्र बार ने कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा का हाथ थाम लिया है। ऐसे में कांग्रेस को महाराष्ट्र, गुजरात, केरल में बड़े झटके लगे हैं, यहां पार्टी के कई अहम नेताओं ने उसका साथ छोड़ दिया है।
भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए नेता
वहीं अगर भाजपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं की बात करें तो फरवरी माह से तीन भाजपा सांसदों ने पार्टी का हाथ छोड़ दिया है। जिसमे दरभंगा, बिहार से कीर्ति आजाद, यूपी के बहराइच से सावित्री बाई फुले, यूपी के इटावा से अशोक दोहरे शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा है। यूपी के मुजफ्फरनगर के मीरपुर से भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, उन्हें पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट देने से इनकार कर दिया था। गोवा में भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री महादेव नायक भी कांग्रेस में शामिल हो गए, उन्होंने भाजपा पर बहुजन समाज को बर्बाद करने का आरोप लगाया था।
क्षेत्रीय दलो में भी भगदड़
दल बदल ना सिर्फ राष्ट्रीय पार्टियों में बल्कि क्षेत्रीय दलों में देखने को मिल रहा है। टीएमसी के दो सांसद भाजपा में शामिल हुए, जिसमे अनुपम हाजरा, सौमित्र खान शामिल हैं। दोनों को टीएमसी ने पार्टी विरोधी गतिविधि के चलते पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके अलावा भातपरा से विधायक अर्जुन सिंह भी भाजपा में शामिल हुए।
बसपा के कई नेता भाजपा में शामिल
यूपी की बात करें तो बसपा विधायक मुकुल उपाध्याय भाजपा में शामिल हुए, उनके बाद रामहेत भारती, गोटियारीलाल दूबेश, छोटेलाल वर्मा भाजपा में शामिल हुए। दिलचस्प बात यह है कि पिछले लोकसभा चुनाव में वाराणसी से नरेद्र मोदी के खिलाफ बसपा उम्मीदवार विजय प्रकाश जयसवाल भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। हालांकि पिछले चुनाव में वह सिर्फ 5 फीसदी यानि 60579 वोट ही हासिल कर सके थे। बसपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता और पार्टी प्रवक्ता उम्मेद प्रताप सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए थे।
सपा को भी झटका, ओडिशा में भी दलबदल
सपा के यशवीर सिंह जोकि नगीना के पूर्व सांसद हैं, वीना भारद्वाज, बिलासपुर से पूर्व विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। वहीं राकेश सचान कांग्रेस में शामिल हो गए। ओडिशा की बात करें तो यहां बीजेडी के सांसद बैजंत जे पांडा भाजपा में शामिल हो गए। पश्चिम बंगाल में सीपीएम विधायक खगेन मुर्मू भाजपा में शामिल हो गए।
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