पार्टी में जारी कलह के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मिले एलजेपी नेता चिराग पासवान, EC के पाले में गेंद
लोक जनशक्ति पार्टी में पिछले 4 दिनों से जारी घमासान के बीच एलजेपी नेता चिराग पासवान ने आज लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से उनके आवास पर मुलाकात की।
नई दिल्ली, 19 जून। लोक जनशक्ति पार्टी में पिछले 4 दिनों से जारी घमासान के बीच एलजेपी नेता चिराग पासवान ने आज लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से उनके आवास पर मुलाकात की। मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब हुए चिराग पासवान ने कहा कि मैंने उन्हें (ओम बिड़ला) को तथ्यों से अवगत कराया और उनसे लोजपा के निलंबित सांसदों में से एक पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोजपा के नेता के रूप में स्वीकार करने के अपने फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया। यह गैरकानूनी है और हमारी पार्टी का संविधान इसकी इजाजत नहीं देता।
उन्होंने आगे कहा कि लोजपा संविधान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विधानसभा/संसद में होने वाले किसी भी बदलाव को केंद्रीय संसदीय बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। उन्होंने हमें बहुत ध्यान से सुना और हमारे द्वारा सामने रखे गए नए तथ्यों के आलोक में निर्णय पर पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया। इस दौरान चिराग के साथ पार्टी के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एके वाजपेई व बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी भी थे।
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क्या
है
पूरा
मामला
आपको
बता
दें
कि
राम
विलास
पासवान
के
निधन
के
बाद
लोजपा
दो
धड़ों
में
बंट
गई
है,
जिसमें
से
एक
धड़ा
चिराग
के
समर्थन
में
है
जबकि
दूसरा
उनके
चाचा
पशुपति
पारस
को
समर्थन
दे
रहा
है।
इसी
बीच
पशुपति
पारस
गुट
ने
उन्हें
पार्टी
का
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
घोषित
कर
दिया
है,
जबकि
चिराग
पासवान
ने
इसे
असंवैधानिक
करार
दिया
है।
दोनों
गुटों
ने
शुक्रवार
को
चुनाव
आयोग
से
भी
मुलाकात
की
थी।
अब
चुनाव
आयोग
को
इस
बात
का
फैसला
करना
है
कि
एलजेपी
का
असली
गुट
कौंनसा
होगा।
वहीं,
चिराग
पासवान
ने
रविवार
को
दिल्ली
में
राष्ट्रीय
कार्यकारिणी
की
बैठक
बुलाई
है।
अब
इस
बैठक
में
क्या
होगा
यह
तो
आने
वाला
वक्त
ही
बताएगा।
क्या
बोले
पशुपति
कुमार
पारस
वहीं
इस
पूरे
मसले
पर
पशुपति
कुमार
पारस
ने
कहा
कि
वह
अपने
भतीजे
के
खिलाफ
नहीं
है।
बल्कि
उन्हें
चुनना
पार्टी
के
सदस्यों
का
फैसला
था।
पार्टी
के
सदस्य
चाहते
हैं
कि
पार्टी
को
बिहार
में
मजबूत
किया
जाए।
पार्टी
में
बदलाव
बदले
की
भावना
से
नहीं
हुआ
है।