Lawaypora Encounter: महबूबा मुफ्ती ने मुठभेड़ पर उठाए सवाल, उपराज्यपाल से की जांच की मांग
Lawaypora Encounter: कश्मीर घाटी में दो दिन पहले भारतीय सेना ने एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया। जिसमें तीन आतंकी मारे गए। सेना के मुताबिक मारे गए आतंकी श्रीनगर-बारामुला हाईवे पर हमले की योजना बना रहे थे। इस एनकाउंटर को लेकर जम्मू-कश्मीर में सियासत शुरू हो गई है, क्योंकि आतंकियों के परिजनों ने तीनों युवकों को निर्दोष बताया है। इस मामले में अब जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को लिखे पत्र में महबूबा ने कहा कि दो दिन पहले जो मुठभेड़ श्रीनगर के बाहरी इलाके में हुई थी, उसमें मारे गए युवकों के शव उनके परिजनों को दिए जाएं। उन्होंने इस ऑपरेशन को मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन बताया। महबूबा ने लिखा कि मुझे यकीन है कि आप 30 तारीख के ऑपरेशन से अवगत हैं। मारे गए युवकों में एक लड़का 17 साल का था। परिवार वालों का भी आरोप है कि ये एक सुनियोजित मुठभेड़ है। ऐसे में इसकी जांच करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि पुलिस और सेना की रिपोर्ट अलग-अलग है, ऐसे में इस घटना पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने शोपियां में हुई फर्जी मुठभेड़ का जिक्र भी अपने पत्र में किया। महबूबा ने कहा कि हाल ही में राजौरी के तीन बेगुनाह युवकों को सेना ने एक ऑपरेशन में मारा था, जिसमें एक सैन्य अधिकारी और दो अन्य के खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है। ऐसे में उनको आशंका है कि सेना और पुलिस आतंकियों के शव उनके परिजनों को वापस नहीं करेगी। जिस वजह से परिवार का दर्द और ज्यादा बढ़ेगा। उन्होंने अंत में लिखा कि आशा है कि आप इस मामले में विचार करेंगे और एक मां को उसके बच्चे का चेहरा आखिरी बार देखने देंगे।
क्या
कह
रही
सेना?
भारतीय
सेना
के
मुताबिक
उन्हें
इनपुट
मिले
थे
कि
आतंकवादी
बड़ी
वारदात
की
योजना
बना
रहे।
इसके
बाद
तुरंत
उन्होंने
लवेपोरा
में
उस
इमारत
को
घेर
लिया,
जिसमें
आतंकी
छिपे
थे।
पहले
तो
सभी
आतंकियों
को
आत्मसमर्पण
करने
को
कहा
गया।
इस
पर
एक
आतंकी
ने
बाहर
आने
की
कोशिश
की,
लेकिन
उसके
साथियों
ने
अंदर
से
गोलीबारी
करते
हुए
ग्रेनेड
फेंके।
इसके
बाद
जवानों
ने
भी
जवाबी
कार्रवाई
की
और
तीनों
को
मार
गिराया।
वहीं
दूसरी
ओर
इस
मुठभेड़
से
जम्मू-कश्मीर
पुलिस
ने
दूरी
बनाए
रखी।
जम्मू-कश्मीर
पुलिस
की
ओर
से
जारी
बयान
के
मुताबिक
इस
ऑपरेशन
को
सेना
ने
अंजाम
दिया
और
उनकी
टीम
अंत
में
पहुंची।
मारे
गए
तीन
युवक
आतंकी
तो
थे,
लेकिन
उनका
नाम
पुलिस
के
आतंकी
रिकॉर्ड
लिस्ट
में
नहीं
था।
फिर
भी
पुलिस
उसमें
से
दो
को
आतंकियों
का
कट्टर
समर्थक
मान
रही
थी।
Jammu-Kashmir DDC Elections: महबूबा मुफ्ती ने लगाया धांधली का आरोप
क्या
कह
रहे
आतंकियों
के
घर
वाले?
मुठभेड़
के
बाद
से
ही
आतंकियों
के
घर
वाले
इस
घटना
का
विरोध
कर
रहे
हैं।
उन्होंने
श्रीनगर
पुलिस
कंट्रोल
रूप
के
बाहर
प्रदर्शन
भी
किया।
एक
आतंकी
के
परिजन
ने
कहा
कि
मारे
गए
तीन
युवकों
में
से
दो
छात्र
थे
और
वो
किसी
संस्था
में
दाखिला
लेने
श्रीनगर
आए
थे।
जबकि
दूसरे
आतंकी
के
रिश्तेदार
ने
कहा
कि
मुठभेड़
से
एक
दिन
पहले
युवक
घर
पर
थे,
ऐसे
में
एक
ही
रात
में
कोई
कैसे
आतंकी
बन
सकता
है।