क्या आप जानते हैं दिल्ली चुनाव की 6 दिलचस्प बातें
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की, उसके बाद भारतीय जनता पार्टी का दिल्ली में सत्ता वापसी का सपना टूट गया। दिल्ली के चुनाव में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 62 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि भारतीय जनता पार्टी दहाई के आंकड़े को भी नहीं छू सकी और महज 8 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं कांग्रेस लगातार दूसरी बार अपना खाता तक नहीं खोल सकी और उसे सभी 70 सीटों हार का मुंह देखना पड़ा। दिल्ली के चुनाव में कई ऐसे दिलचस्प रिकॉर्ड भी बने हैं जिसे कम ही लोग जानते हैं।
9 महीनों में आप ने बदल दिए आंकड़े
महज 9 महीने पहले दिल्ली में लोकसभा चुनाव हुआ था और भाजपा ने यहां जबरदस्त जीत दर्ज की थी। 2019 के लोकसभा के चुनाव में आम आदमी पार्टी किसी भी विधानसभा क्षेत्र में आगे नहीं थी लेकिन कुछ ही महीनों में आम आदमी पार्टी ने हर किसी को चौंकाते हुए 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की। लोकसभा चुनाव के दौरान 65 पर बीजेपी और 5 पर कांग्रेस आगे रही।
सभी आरक्षित सीटों पर आप का कब्जा
दिल्ली के चुनाव में एक और दिलचस्प आंकड़ा यह सामने आया है कि प्रदेश में सभी आरक्षित सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत का परचम फहराया है। दिल्ली में अनुसूचित जाति के लिए कुल 12 सीटें हैं, इन सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है। जबकि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को इन सभी सीटों पर मुंह की खानी पड़ी है। यह लगातार दूसरी बार है जब भारतीय जनता पार्टी किसी भी सुरक्षित सीट पर दिल्ली में जीत हासिल नहीं कर सकी।
8 महिलाएं पहुंची विधानसभा
इस बार के चुनाव में अहम बात यह है कि दिल्ली विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है। इस बार 70 में से 8 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव में जीत दर्ज की है। पिछले चुनाव की बात करें तो सिर्फ 6 महिलाएं चुनाव में जीत हासिल कर सकी थी। 2015 में 66 महिला उम्मीदवार मैदान में थी, जबकि इस बार कुल 79 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में थीं।
52 में से 45 शहरी सीटों पर आप का कब्जा
शहरी वोटरों में भारतीय जनता पार्टी की पैठ मानी जाती है। लेकिन दिल्ली के चुनाव में भाजपा के शहरी वोटरों में आम आदमी पार्टी ने बड़ी सेंधमारी की। दिल्ली की 52 शहरी सीटों में से आम आदमी पार्टी ने ने 45 सीटों पर कब्जा किया। जबकि भारतीय जनता पार्टी सिर्फ 5 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी। बता दें कि दिल्ली के चुनाव में कुल 62.59 फीसदी मतदान हुआ था। सबसे अधिक मतदान 71.6 प्रतिशत मतों के साथ बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्र में दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम मतदाताओं का मतदान दिल्ली छावनी में 45.4 प्रतिशत दर्ज किया गया।
18 में से 17 ग्रामीण सीटों पर आप का कब्जा
दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में भी इस बार आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त जीत हासिल की। प्रदेश की कुल 18 ग्रामीण सीटों में से 17 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है। दरअसल जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के तमाम स्कूलों और अस्पतालों की व्यवस्था को बेहतर किया और किसानों के मुद्दे पर काम किया उसका उसे इस चुनाव में फायदा मिला।
66 में से 63 पर कांग्रेस की जमानत जब्त
इस चुनाव की एक सबसे खास बात यह रही कि कांग्रेस पार्टी ने पिछले चुनाव में भी एक भी सीट हासिल नहीं की थी और इस बार भी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं की है। लेकिन इस बार के चुनाव में कांग्रेस के खाते में एक और शर्मनाक रिकॉर्ड जुड़ गया। कांग्रेस पार्टी के 66 में से 63 उम्मीदवारों की इस चुनाव में जमानत जब्त हो गई। जोकि पार्टी के लिए काफी शर्मिंदगी की बात यह है। यही वजह है कि दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और प्रदेश कांग्रेस इंचार्ज पीसी चाको ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
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