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'देशद्रोह कानून के प्रावधानों को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के कदम से परेशान था': किरेन रिजिजू

'देशद्रोह कानून के प्रावधानों को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के कदम से परेशान था': किरेन रिजिजू

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Kiren Rijiju on sedition law provisions: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने देशद्रोह कानून के प्रावधानों को स्थगित करने के सुप्रीम कोर्ट फैसले पर नाराजगी जताई है। देशद्रोह कानून को स्थगित रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि कानून में बदलाव लाने के लिए केंद्र की मंशा को पेश करने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक आदेश पारित किया है। किरेन रिजिजू ने कहा, ''हमने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार देशद्रोह कानून के प्रावधान को बदलने के बारे में सोच रही है। इसके बावजूद, अदालत ने देशद्रोह कानून के प्रावधानों को रद्द कर दिया। मैं इसे लेकर बहुत परेशान था।''

जजों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाने का कोई प्लान नहीं: किरेन रिजिजू

जजों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाने का कोई प्लान नहीं: किरेन रिजिजू

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मई में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह) के तहत लंबित आपराधिक मुकदमे और अदालती कार्यवाही को निलंबित कर दिया था। जजों की रिटायर की आयु बढ़ाने पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ''हम जजों की रिटायरमेंट की आयु नहीं बढ़ा रहे हैं। मुझे लगता है कि हाई कोर्ट के 65 साल और सुप्रीम कोर्ट के 62 साल ठीक है। अगर कोई कदम उठाने की जरूरत है, तो उठाया जाएगा लेकिन अभी कोई योजना नहीं है।''

किरेन रिजिजू बोले- न्यायपालिका को कार्यपालिका की भूमिका में नहीं आना चाहिए

किरेन रिजिजू बोले- न्यायपालिका को कार्यपालिका की भूमिका में नहीं आना चाहिए

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'हम सबके बीच एक बड़ी गलत धारणा बन गई है कि बड़ी रिक्तियों की वजह से मामले लंबित हैं। हम लोगों को तेजी से न्याय देने के वास्तविक मुद्दे पर काम कर रहे हैं।''

किरेन रिजिजू ने कहा,''नरेंद्र मोदी सरकार के साढ़े आठ साल में न्यायपालिका और न्यायाधीशों के अधिकार को कम करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। लेकिन इसके साथ मैं यह भी कहना चाहता हूं कि न्यायपालिका को कार्यपालिका की भूमिका में नहीं आना चाहिए। देश को कौन चलाना चाहिए? न्यायपालिका को देश चलाना चाहिए या चुनी हुई सरकार को...?''

'एक जज को टिप्पणी करने से बचना चाहिए...'

'एक जज को टिप्पणी करने से बचना चाहिए...'

किरेन रिजिजू ने कहा,''जब जज मौखिक टिप्पणी करते हैं, तो इसे व्यापक कवरेज मिलता है, भले ही इस तरह की टिप्पणियों का (मामले पर) कोई असर नहीं पड़ता हो। इसलिए एक न्यायाधीश को अनावश्यक टिप्पणी करने और आलोचना को आमंत्रित करने के बजाय अपने आदेश के माध्यम से बोलना चाहिए।"

ये भी पढ़ें- जनता कॉलेजियम सिस्टम से खुश नहीं, भारत में ही जज अपने भाई को जज नियुक्त करते हैं: कानून मंत्री किरेन रिजिजूये भी पढ़ें- जनता कॉलेजियम सिस्टम से खुश नहीं, भारत में ही जज अपने भाई को जज नियुक्त करते हैं: कानून मंत्री किरेन रिजिजू

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English summary
Kiren Rijiju says Was upset with Supreme Court move to strike down sedition law provisions
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