केरल HC ने सबरीमाला मंदिर में भीड़ का सही प्रबंधन करने का दिया आदेश,ताकी तीर्थयात्रियों को ना हो तकलीफ
केरल हाईकोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में वर्तमान समय में चल रही मंडला-मकरविलक्कू तीर्थयात्रा में जुटी भक्तों की भीड़ को देखते हुए पठानमथिट्टा जिला प्रशासन को भीड़ का प्रबंधन सही तरीके से करने का निर्देश जारी किया है
केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में भीड़ को मैनेज करना हमेशा एक चुनौती रहा है। वर्तमान समय में जब सबरीमाला में प्रसिद्ध भगवान अयप्पा मंदिर के लिए तीर्थयात्रा चल रही है जिसके चलते श्रद्धालुओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि स हो गई है और दर्शन करने वालों की भीड़ बढ़ चुकी है। इसके मद्देनजर सोमवार को केरल हाईकोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में भीड़ को मैनेज करने के लिए पठानमथिट्टा जिला प्रशासन को निर्देश जारी किया है, ताकि सभी तीर्थयात्रियों को भगवान के दर्शन करने में कोई असुविधा ना हो।
न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन और न्यायमूर्ति पीजी अजित कुमार की देवस्वोम खंडपीठ मंदिर में भीड़ के संबंध में कई मुद्दों पर विचार कर रही थी। इससे संबंधित केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश जारी किया।
बता दें दर्शन करने वालों की सोमवार को आखिरी दिन ऑनलाइन बुकिंग एक लाख के ऊपर हुई। जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और पीजी अजित कुमार की पीठ ने एक विशेष बैठक की और जिला कलेक्टर और पठानमथिट्टा के जिला पुलिस प्रमुख को मामलों की निगरानी के साथ-साथ भीड़ प्रबंधन योजना का निर्देश दिया कि लोगों की संख्या प्रति दिन 75,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
17 नवंबर से शुरू हो चुकी है मंडला यात्रा
बता दें COVID-19 प्रतिबंधों के कारण लगभग दो वर्षों तक बंद रहने के बाद, राज्य के पठानमथिट्टा जिले के सबरीमाला में दो महीने की मंडला-मकरविलक्कू तीर्थयात्रा इस साल 17 नवंबर से शुरू हो चुकी है जिसमें लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। भीड़भाड़ और ट्रैफिक कंट्रोल से जुड़े मुद्दे भी सामने आए हैं।
90,000 श्रद्धालु दर्शन के लिए आए
केरल विशेष बैठक में बताया गया कि शनिवार को विशेष रूप से ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से एक लाख के करीब बुकिंग की गई और लगभग 90,000 श्रद्धालु दर्शन के लिए आए। अदालत को यह भी बताया गया कि भीड़ प्रबंधन में दिक्कत के कारण ड्यूटी पर तैनात कुछ पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आई।
पीठ ने ये भी दिया आदेश
पीठ ने कहा कि योजना ऑनलाइन बुकिंग के अनुसार और त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) और विशेष आयुक्त, सबरीमाला के परामर्श से विकसित की जाएगी।पीठ ने यह भी कहा कि सबरीमाला अय्यप्पा मंदिर का गर्भगृह दिन में 18 घंटे खुला रहता है, चाहे वह अतिरिक्त 30 मिनट के लिए खुला रह सकता है या एक घंटे के लिए टीडीबी को सबरीमाला के पुजारियों से परामर्श करना चाहिए।