अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने हुरियत कान्फ्रेंस से दिया इस्तीफा
श्रीनगर। कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के पीछे की अहम वजह गिलानी का स्वास्थ्य माना जा रहा है। एक छोटे से ऑडियो मैसेज में गिलानी ने कहा, हुरियत कान्फ्रेंस के मौजूदा हालात को देखते हुए मैंने हुरियत के सारे फॉर्म से अलग होने का फैसला किया है। फैसले के बारे में हुरियत के सारे लोगों को चिट्ठी लिखकर कर सूचना दे दी गई है।
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सैयद अली शाह गिलानी के इस्तीफे की प्रमुख वजह उनका स्वास्थ्य भी माना जा रहा है। गिलानी इस समय सांस, हृदयरोग, किडनी रोग समेत विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं। सोमवार को उन्होंने एक ऑडियो मैसेज जारी कर इस्तीफे का ऐलान कर दिया। अपने आडियो संदेश में उन्होंने कहा है कि मौजूदा हालात में मैं आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस से इस्तीफा देता हूं। इसके अलावा उन्होंने दो गुटों में बंटी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के सभी घटक दलों के नाम एक पत्र भी जारी किया है।
गिलानी ने कहा कि, मैंने हुर्रियत के सभी घटक दलों और मजलिस ए शूरा को भी अपने फैसले से अवगत करा दिया है।गिलानी सबसे वरिष्ठ अलगाववादी नेता के रूप में माना जाता है, गिलानी पहले जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के सदस्य थे, लेकिन बाद में तहरीक-ए-हुर्रियत के नाम से अपनी पार्टी की स्थापना की। उन्होंने जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी दलों के समूह, ऑल पार्टीज हुर्रियत (स्वतंत्रता) सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। गिलानी 1972 में सोपोर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने और 1977 और 1987 में सोपोर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनावों में जीते।
पिछले साल अप्रैल में गिलानी के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की थी। उनके दिल्ली स्थित फ्लैट को जब्त कर लिया गया। गिलानी का ये आवास दिल्ली के मालवीय नगर स्थित खिड़की एक्सटेंशन में है। इनकम टैक्स का आरोप है कि गिलानी ने 1996-97 और फिर 2001-02 के बीच कोई टैक्स नहीं भरा। आईटी डिपार्टमेंट के मुताबिक गिलानी पर 3.62 करोड़ से ज़्यादा का टैक्स बकाया था।
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