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जिस पदयात्रा को न रोकने पर कर्नाटक HC ने लगाई बीजेपी सरकार को फटकार, कांग्रेस बोली-ये है मौलिक अधिकार

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बेंगलुरु, 12 जनवरी: कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस की पदयात्रा नहीं रोके जाने को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार को फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने सवाल किया है कि राज्य सरकार मेकेदातु पदयात्रा के दौरान कोविड नियमों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि उसने पदयात्रा की इजाजत ही क्यों दी। कोर्ट ने इस मामले में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। लेकिन, कांग्रेस की दलील है कि पदयात्रा का कार्यक्रम कोविड शुरू होने से पहले ही तय कर लिया गया था और इस तरह की पदयात्रा निकालना उसका मौलिक अधिकार है।

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Karnataka High Court reprimands BJP government for allowing Congress padyatra,Congress said that the plan was made before Covid

'सरकार ने पदयात्रा की अनुमति क्यों दी- कर्नाटक हाई कोर्ट
कर्नाटक हाई कोर्ट ने कांग्रेस की मेकेदातु पदयात्रा को लेकर सख्त रुख दिखाते हुए, इसकी इजाजत देने और कोविड नियमों के उल्लंघन होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए प्रदेश की बीजेपी सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि 'सरकार ने पदयात्रा की अनुमति क्यों दी।' इसपर कोर्ट की ओर से कांग्रेस पार्टी को भी कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

कांग्रेस की दलील- यह वेरिएंट उतना खतरनाक नहीं है
लेकिन, इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मंत्री एमबी पाटिल ने जो प्रतिक्रिया दी है, वह बहुत ही चौंकाने वाली और गैर-जिम्मेदाराना है। पाटिल ने कहा है कि 'पदयात्रा की योजना मामले बढ़ने से पहले ही तैयार कर ली गई थी। यह वेरिएंट उतना खतरनाक नहीं है, जितना कि पहले था। यह हल्का है और बिल्कुल फ्लू की तरह है, आईसीयू या औक्सीजन की कोई आवश्यकता नहीं है। पदयात्रा एक मौलिक अधिकार है।'

डीके शिवकुमार के खिलाफ तीन एफआईआर
इस बीच कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार के खिलाफ पदयात्रा के दौरान कोविड नियमों के उल्लंघन को लेकर तीसरी एफआईआर दर्ज की गई है। बुधवार को शिवकुमार और कांग्रेस के 63 और लोगों के खिलाफ रामनगर थाने में मेकेदातु पदयात्रा के दौरान कोविड नियमों के उल्लंघन के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। कांग्रेस ने मेकेदातु पेयजल परियोजना को जल्द लागू करने की मांग को लेकर पिछले रविवार से 11 दिनों की पदयात्रा शुरू की हुई है। इससे पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ इसी मामले में दो और एफआईआर दर्ज हो चुके हैं। पहली एफआईआर तो पदयात्रा के पहले दिन ही दर्ज की गई थी।

कांग्रेस नेता ने कोविड टेस्ट से भी किया इनकार
कर्नाटक में कोविड-19 की वजह से सरकार ने कई तरह की पाबंदियां लगा रखी हैं, लेकिन कांग्रेस ने इसके बावजूद 11 दिनों की यह पदयात्रा शुरू की है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस नेता शिवकुमार के रवैए की सख्त आलोचना की है, क्योंकि जानकारी के मुताबिक उन्होंने पदयात्रा के बाद कोविड टेस्ट कराने से भी इनकार कर दिया। उलटे शिवकुमार ने सरकार पर आरोप लगा दिया कि वह कोविड पॉजिटिव कर्मचारी के सामने उन्हें एक्सपोज कराकर उन्हें संक्रमित करवाना चाहती है।

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वह राज्य सरकार पर कोविड के आंकड़ों में गड़बड़ी का भी गंभीर आरोप लगा चुके हैं और न्यायिक जांच की मांग कर चुके हैं। उन्होंने कहा था, 'मेरे घर में करीब एक दर्ज डॉक्टर हैं, मेरे परिवार के कई बच्चे मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे हैं। मैं जानता हूं कि वो एयर पोर्ट पर विदेशों से आने वाले लोगों की जांच कैसे कर रहे हैं। यह सब बीजेपी पॉजिटिव, बीजेपी कोविड, बीजेपी ओमिक्रॉन है। मैं कोविड-19 की संख्या की न्यायिक जांच की मांग करता हूं।'

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English summary
Karnataka High Court reprimands BJP government for allowing Congress padyatra,Congress said that the plan was made before Covid
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