Kangana vs Shiv Sena: इस लड़ाई में कंगना को मिला किसका साथ और कौन है विरोध में ?
नई दिल्ली। अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के बीच चल रही जंग ने नया रूप ले लिया है। बुधवार को जब कंगना के मुंबई स्थित दफ्तर पर बीएमसी का बुल्डोजर चला तो न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि सियासी हलकों में इसके झटके नजर आने लगे। वे लोग जो अभी तक शांत थे खुलकर अपनी बात रखने लगे हैं। वहीं दफ्तर पर बीएमसी की कार्रवाई के बाद भी कंगना के तेवल ढीले नहीं पड़े हैं। मुंबई में रहकर ही कंगना उद्धव के खिलाफ तीखे तेवर में हमले बोल रही हैं। बुधवार को कंगना ने सीधे उद्धव को ललकारते हुए कहा कि 'तूने में दफ्तर तोड़ा है, अब तेरा घमंड टूटेगा।'
वहीं कंगना के तेवर देखते हुए ये बातें भी चल रही हैं कि मुंबई में रहते हुए कंगना जिस तरह से उद्धव के खिलाफ हमलावर हैं ऐसे में उन्हें कोई सपोर्ट जरूर है। आइए देखते हैं कि इस जंग में कौन कंगना के खिलाफ है और कौन उनके साथ-
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस खुलकर कंगना के समर्थन में आए हैं। दफ्तर तोड़े जाने की कार्रवाई को गलत बताया। उन्होंने कहा कि अपने खिलाफ बात करने वालों को हम रास्ते में रोककर मारेंगे और सरकार के समर्थन से ये काम करेंगे। ऐसा महाराष्ट्र के इतिहास में कभी नहीं हुआ। गलत को गलत कहना ही चाहिए लेकिन उस बात से महाराष्ट्र का अपमान होता, महाराष्ट्र पुलिस का होता उससे ज्यादा अपमान महाराष्ट्र सरकार का अब पूरे देश में हो रहा है। आगे उन्होंने कहा कि अगर अवैध निर्माण है तो जरूर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन सबके साथ ये कार्रवाई होती तो निश्चित रूप से उचित कार्रवाई होती। किसी ने आपके खिलाफ कोई बात कही इसलिए आप कार्रवाई करते हैं तो ये कायरता है, बदले की भावना है और महाराष्ट्र में इस प्रकार की भावना का सम्मान नहीं हो सकता।
स्वामी और संघ का भी मिला साथ
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी शुरुआत से ही सुशांत केस में एक्टिव हैं। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग भी की थी। स्वामी ने भी कंगना का समर्थन किया है। स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि कंगना को कहें कि वह विश्वास रखें। हम इस संघर्ष में उनके साथ हैं।
आरएसएस के अखिल भारतीय सह-प्रमुख रामलाल ने ट्वीट कर कहा, 'असत्य के हथौड़े से सत्य की नींव नहीं हिलती।' संघ नेता के इस ट्वीट के कई मायने लगाए जा रहे हैं। कंगना रनौत ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई लोकतंत्र की हत्या है। बीजेपी नेता तेजेंदर पाल सिंह बग्गा ने भी कंगना के समर्थन में ट्वीट किया है।
कांग्रेस के संजय निरूपम ने भी कार्रवाई को बताया गलत
कंगना के दफ्तर पर कार्रवाई पर जिन्होंने सवाल उठाया है उसमें चौंकाने वाला नाम कांग्रेस नेता संजय निरूपम का है। कांग्रेस राज्य की सरकार में शिवसेना की सहयोगी है लेकिन कांग्रेस नेता ने कार्रवाई को लेकर हमला बोला है। निरूपम ने ट्वीट में लिखा कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका ? क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी। पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था। लेकिन बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है। कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरु हो जाए !
रामदास
अठावले
आरपीआई
चीफ
और
केंद्रीय
मंत्री
रामदास
अठावले
ने
एक
दिन
पहले
ही
कंगना
को
समर्थन
देने
का
वादा
कर
दिया
था।
अठावले
ने
कहा
कि
महाराष्ट्र
में
आने
पर
उनकी
पार्टी
कंगना
को
सुरक्षा
देगी।
जब
कंगना
बुधवार
को
मुंबई
पहुंची
तो
आरपीआई
के
कार्यकर्ता
एयरपोर्ट
पर
खड़े
थे।
हिमाचल के सीएम ने शिवसेना पर साधा निशाना
कंगना के खिलाफ कार्रवाई पर कंगना के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिवसेना के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ट्वीट कर कहा, 'महाराष्ट्र सरकार का आचरण दुर्भाग्यपूर्ण हैं, मैं इसकी भर्त्सना करता हूं। उन्होंने कहा, 'कंगना हिमाचल की बेटी हैं उसने सिर्फ अपनी आवाज बुलंद की थी। प्रतिशोध की भावना से उन पर महाराष्ट्र सरकार कार्यवाही कर रही है वह दुर्भाग्यपूर्ण है।'
अनुपम
खेर
कंगना
के
खिलाफ
कार्रवाई
को
लेकर
अनुपम
खेर
भी
कंगना
के
समर्थन
में
बयान
दिया
है।
उन्होंने
लिखा,
'ग़लत
ग़लत
ग़लत
है
!!
इसको
bulldozer
नहीं
#Bullydozer
कहते
हैं।
किसी
का
घरौंदा
इस
बेरहमी
से
तोड़ना
बिल्कुल
ग़लत
है।
इसका
सबसे
बड़ा
प्रभाव
या
प्रहार
कंगना
के
घर
पर
नहीं,
बल्कि
मुम्बई
की
ज़मीन
और
ज़मीर
पर
हुआ
है।
अफ़सोस
अफ़सोस
अफ़सोस
है।'
मधुर भंडारकर और रवीना टंडन ने भी कही ये बात बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन ने कंगना के दफ्तर पर हुई इस कार्रवाई के बारे में लिखा, "तोड़ फोड़ करना, तबाही मचाना, दुखद दुखद।" वहीं मधुर भंडारकर ने कंगना को डटे रहने की बात कही है। मधुर भंडारकर ने कंगना रनौत के उस वीडियो को रीट्वीट किया है जिसमें उन्होंने दिखाया था कि किस तरह उनके दफ्तर को बुरी तरह तोड़ डाला गया है।
विरोध करने वालों में शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत सबसे आगे
कंगना के खिलाफ हमला बोलने में सबसे आगे शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत हैं। इसी विवाद के दौरान ही राउत को पार्टी ने मुख्य प्रवक्ता बनाया है। संजय राउत ने कंगना रनौत के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी किया था। उन्होंने कंगना के लिए ह.....खोर लड़की शब्द का इस्तेमाल किया था। संजय राउत ने इसके पहले पार्टी के मुखपत्र सामना में कंगना को आउटसाइडर बताते हुए कार्रवाई के लिए कहा था। उन्होंने कंगना को पागल महिला तक बोल दिया था। इतना ही नहीं राउत ने पहले कहा था कि अगर कंगना को मुंबई में डर लगता है तो उन्हें वापस नहीं आना चाहिए।
शरद पवार ने दिया है नपा-तुला बयान
वहीं महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और महाराष्ट्र अघाड़ी के प्रमुख घटक एनसीपी के चीफ शरद पवार ने इस बारे में जानकारी होने से इनकार किया है। पवार ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। 'मुझे उनके (कंगना रनौत) के ऑफिस के बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन अखबार में पढ़ा था कि यह अवैध निर्माण था। हालांकि यह मुंबई में कोई नई बात नहीं है। अगर बीएमसी कानून के तहत काम कर रही है तो यह ठीक है। पवार ने कहा कि लोग उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।'
पवार ने मीडिया कवरेज पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मीडिया ने इन चीजों को बढ़ा-चढ़ा दिया है। हमें ऐसी चीजों से बचना चाहिए। इन सब विवादों के बीच एनसीपी चीफ बुधवार शाम उद्धव ठाकरे से मिलने आधिकारिक मुख्यमंत्री निवास वर्षा बंगलो पहुंचे।
कंगना के खिलाफ जंग में अकेले पड़े CM ठाकरे, उद्धव से मिलने वर्षा बंगला पहुंचे शरद पवार