क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कुर्सी जाने के बाद पहली बार कमलनाथ ने तोड़ी चुप्पी...... दिग्विजय के चलते बहक गया!

Google Oneindia News

नई दिल्ली- मार्च महीने में देश कोरोना से संघर्ष कर रहा था और मध्य प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ था। कांग्रेस के कई मंत्रियों और विधायकों ने विधायकी से इस्तीफा देकर तत्कालीन कमलनाथ सरकार को अल्पमत में ला दिया था। लेकिन, कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेसी सरकार ने तब तक अल्पमत में होने की बात नहीं मानी, जब तक सुप्रीम कोर्ट ने सदन में बहुमत दिखाने का हुक्म नहीं दिया। उसके बाद कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया और इस बात पर चुप्पी साध ली कि आखिर जब पार्टी के काफी विधायक उनका साथ छोड़ चुके थे तो वो किस आधार पर बहुमत होने का दावा कर रहे थे। लेकिन,अब कमलनाथ ने माना है कि उन्हें तो हालात के बारे में सबकुछ पता था, लेकिन दिग्विजय सिंह की बातों पर वह भरोसा करते गए।

दिग्विजय ने बहका दिया!

दिग्विजय ने बहका दिया!

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सत्ता गंवाने के बाद सरकार जाने के बारे में पहली बार चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने दावा किया है कि उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा के बीच हो रही बातचीत की पहले से ही भनक थी। लेकिन, वो फिर भी अपनी सरकार इसलिए नहीं बचा पाए, क्योंकि दिग्विजय सिंह बार-बार झूठा भरोसा दिलाते रहे है कि कुछ विधायक कभी भी छोड़कर नहीं जाएंगे। शुक्रवार को भोपाल में इंडिया टुडे टीवी के साथ एक खास बातचीत में कमलनाथ ने कहा है कि, 'यह किसी खास मकसद से नहीं किया गया, लेकिन शायद हालात को ठीक तरीके से नहीं समझ पाने की वजह से ऐसा हो गया। दिग्विजय सिंह को लग रहा था कि कुछ एमएलए जो रोजाना उनसे तीन बार बातें कर रहे थे, वे कभी छोड़कर नहीं जाएंगे, लेकिन वो चले गए।'

सिंधिया के बारे में पहले से पता था-कमलनाथ

सिंधिया के बारे में पहले से पता था-कमलनाथ

कमलनाथ के मुताबिक, 'जहां तक सिंधिया का सवाल है, मुझे पता था कि वह जुलाई से ही बीजेपी के संपर्क में थे, जबसे वो लोकसभा का चुनाव हार गए थे। वह इस बात को कभी हजम नहीं कर पाए कि वह लोकसभा का चुनाव एक लाख से ज्यादा वोटों से हार गए और वो भी बीजेपी द्वारा उठाए गए एक ऐसे आदमी से जो पहले मामूली कांग्रेसी कार्यकर्ता हुआ करता था।' उन्होंने कहा कि 'सिंधिया खुद के हारने के बाद से ही बीजेपी के संपर्क में थे, लेकिन उनकी पार्टी की प्रदेश इकाई उन्हें कभी नहीं लाना चाहती थी, लेकिन बाद में उन्हें ले लिया, क्योंकि बीजेपी की टॉप लीडरशिप किसी भी कीमत पर मध्य प्रदेश से राज्यसभा की दूसरी सीट चाहती थी।'

उपचुनाव में 15 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा

उपचुनाव में 15 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा

उपचुनाव के बाद कांग्रेस के राज्य की सत्ता में फिर से वापसी की संभावनाओं के सवाल पर वे बोले 'यह संख्या का खेल है। इस समय हमारे पास 92 एमएलए हैं और उनके पास 107. उपचुनाव 24 सीटों पर होने हैं, इसलिए हमें बीजेपी से आगे निकलने के लिए कम से कम 15 सीटें जीतनी होंगी और तब चारों निर्दलीयों समेत बाकी 7 भी मैदान में आ जाएंगे। अभी जो स्थिति है उससे हम 15 सीटों से ज्यादा जीतेंगे। सिंधिया और शिवराज इन चुनावों में प्रचार नहीं कर पाएंगे।'मध्य प्रदेश में मार्च महीने में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके बीजेपी में आने के साथ ही 6 मंत्रियों समेत कांग्रेस के 21 विधायकों ने भी विधायकी छोड़ दी थी। जिसकी वजह से कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई और काफी सियासी कलाबाजी खाने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया था।

इसे भी पढ़ें- कांग्रेस ने गृह मंत्रालय के आदेश को बताया तुगलकी फरमान, कहा- बस से लोगों को लाने में लगेगा 3 साल का वक्तइसे भी पढ़ें- कांग्रेस ने गृह मंत्रालय के आदेश को बताया तुगलकी फरमान, कहा- बस से लोगों को लाने में लगेगा 3 साल का वक्त

Comments
English summary
Kamal Nath said for the first time after leaving the chair,Digvijay was misled
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X