Attorney General वेणुगोपाल 30 जून को रिटायर नहीं होंगे, सेवा विस्तार पर हुए सहमत
भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल 30 जून को रिटायर नहीं होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने तीन महीने और सेवा में बने रहने की अपील स्वीकार कर ली है।
नई दिल्ली, 29 जून : केके वेणुगोपाल तीन और महीनों तक अटॉर्नी जनरल बने रहेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार की अपील पर केके वेणुगोपाल ने अटॉर्नी जनरल के रूप में सेवा जारी रखने पर सहमति दी है। एएनआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 जून को पूरा हो रहा था। हाल ही में उन्होंने अटॉर्नी जनरल के रूप में काम जारी रखने को लेकर अनिच्छा भी जाहिर की थी, लेकिन अब उन्होंने तीन और महीने तक सेवा में बने रहने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक वेणुगोपाल अपने निजी कारणों से अटॉर्नी जनरल के पद पर सेवा विस्तार नहीं चाहते थे। हालांकि, अब बे सितंबर तक पद पर बने रहेंगे।
बता दें कि केके वेणुगोपाल को राष्ट्रपति की ओर से 1 जुलाई 2017 को अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया था। इसके बाद उनकी दोबारा नियुक्ति हुई। सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील के रूप में मशहूर के के वेणुगोपाल कई मामलों में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। संवैधानिक कानून और कॉरपोरेट लॉ से जुड़े मामलों में वेणुगोपाल ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।
मोरारजी देसाई की सरकार में भी रहे सक्रिय
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के करियर पर नजर डालें तो उन्होंने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में 1979 से 1980 के बीच सेवाएं दीं। वेणुगोपाल ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में सेवाएं उस समय दीं जब केंद्र में मोरारजी देसाई की अगुवाई वाली सरकार थी।
भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में दो से अलंकृत
गौरतलब है कि साल 2002 में कानून और सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए वेणुगोपाल को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 2015 में उनकी उल्लेखनीय सेवाओं को सम्मानित करते हुए देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान- पद्म विभूषण से अलंकृत किया गया। वेणुगोपाल का पूरा नाम कोट्टायन कटनकोट (Kottayan Katankot) वेणुगोपाल है। कानूनविदों की भाषा में इनकी पहचान कॉन्स्टिट्यूशनल लॉयर के रूप में है।
वकील के रूप में शानदार करियर
पांच दशक से लंबे करियर के दौरान वेणुगोपाल ने कई मामलों में बतौर वकील शानदार भूमिका अदा की है। 2G स्पेक्ट्रम केस में सुप्रीम कोर्ट का सहयोग करने के लिए वेणुगोपाल को एमिकस क्यूरी (amicus curiae) के रूप में नियुक्त किया गया था।
Attorney General की नियुक्ति कैसे ?
बता दें कि अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया की पोस्ट भारत सरकार के चीफ लीगल एडवाइजर की पोस्ट होती है। अटॉर्नी जनरल केंद्र सरकार के प्रिंसिपल एडवोकेट के रूप में भी जाने जाते हैं, जो सुप्रीम कोर्ट में यूनियन ऑफ इंडिया यानी भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। अटॉर्नी जनरल की अपॉइंटमेंट के बारे में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक भारत के राष्ट्रपति केंद्रीय कैबिनेट की परामर्श पर संविधान के आर्टिकल 76 (1) के तहत अटॉर्नी जनरल को नियुक्त करते हैं।
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