गिरफ़्तार जुनैद का बटला हाउस एनकाउंटर से क्या कनेक्शन?
दिल्ली पुलिस ने जिस जुनैद को गिरफ़्तार करने का दावा किया है, उसकी कहानी क्या है.
आरिज़ ख़ान उर्फ़ जुनैद, उम्र- 32 साल, पेशा- कभी इंजीनियर थे, लेकिन अब दिल्ली पुलिस की फ़ाइलों में 'टेररिस्ट.'
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंडियन मुजाहिदीन के जिस कथित चरमपंथी को गिरफ़्तार करने का दावा किया है, ये पहचान उसी शख़्स की बताई गई है.
जुनैद का नाम बटला हाउस कांड से सुर्खियों में आया था. पुलिस का कहना है कि वो 19 सितंबर, 2008 में हुई बाटला हाउस वाली घटना के बाद से ही फ़रार थे.
बटला हाउस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर चंद्रमोहन शर्मा मारे गए थे.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने आरिज़ ख़ान उर्फ़ जुनैद की गिरफ़्तारी की पुष्टि की है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ जुनैद को नेपाल में पकड़ा गया है. हालांकि इन ख़बरों की स्वतंत्र सूत्रों से पुष्टि नहीं हो पाई है.
कौन है जुनैद?
साल 2008 के सितंबर में दिल्ली के पहाड़गंज, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश और बाराखम्बा में सीरियल ब्लास्ट हुए थे.
इन धमाकों में कम से कम 26 लोग मारे गए थे. दिल्ली पुलिस को इसी सिलसिले में जुनैद की तलाश थी.
पुलिस का कहना है कि बटला हाउस एनकाउंटर के समय जुनैद वहां मौजूद थे, लेकिन वो उनकी गिरफ़्त से भागने में कामयाब रहे थे.
जुनैद मूलतः उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले हैं.
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि एनआईए ने जुनैद पर 15 लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था.
बटला हाउस एनकाउंटर
दिल्ली सीरियल ब्लास्ट के कुछ ही दिनों बाद 19 सितंबर, 2008 को दिल्ली के बटला हाउस इलाके में पुलिस और कथित चरमपंथियों के बीच मुठभेड़ हुई थी.
उस मुठभेड़ में साजिद और आतिफ़ नाम के दो लड़के मारे गए थे जिन्हें पुलिस ने चरमपंथी बताया था.
इसी मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर एमसी शर्मा को गोली लगी थी. बाद में उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया था.
स्थानीय लोगों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे फ़र्ज़ी मुठभेड़ कहा था, लेकिन मानवाधिकार आयोग ने इसे मानने से इनकार कर दिया था.