Joshimath Sinking : ममता एक बार फिर हमलावर, कहा- 'जोशीमठ की स्थिति बहुत खतरनाक...'
उत्तराखंड के जोशीमठ में भूमि धंसाव चिंता का सबब बना हुआ है। पर्यावरण से खिलवाड़ के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधा है।
Joshimath Sinking तमाम पर्यावरणविदों और वहां रहने वाले लोगों के लिए लगातार चिंता का सबब बना हुआ है। सरकार की सख्ती और केंद्र सरकार पर अपना हमला जारी रखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि जोशीमठ में स्थिति "बहुत खतरनाक" है। उन्होंने जरूरी कार्रवाई में देरी करने के लिए केंद्र पर आरोप लगाते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "जब संभावित भूस्खलन की चेतावनी थी तो एहतियात बरतते हुए जरूरी कदम क्यों नहीं उठाए गए ? जोशीमठ में स्थिति बहुत खतरनाक है।"
केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड शहर के लोग "जिम्मेदार नहीं थे"। समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से सीएम ममता ने कहा, "अगर कोई आपदा आती है तो लोगों की देखभाल करना सरकार का कर्तव्य है। सरकार को युद्ध स्तर पर कदम उठाने चाहिए ताकि लोगों को परेशानी न हो।"
केंद्र सरकार पर हमलावर दिख रहीं सीएम ममता ने लगातार दूसरे दिन ममता बनर्जी पर निशाना साधा। सोमवार को सीएम ममता ने कहा था कि केंद्र से किसी भी समर्थन के बिना पश्चिम बंगाल ग्रामीण रोजगार योजना - महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) चला रहा था। राज्य का ₹ 6,000 करोड़ बकाया है। उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया था।
बता दें कि पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में जोशीमठ की जमीन लगातार धंसती जा रही है। घरों में दरार की तस्वीरें लोगों को डरा रही हैं। मौसम की घटनाओं से जुड़ी आशंकाओं के अलावा तेजी से हो रहे निर्माण कार्य के कारण चिंता गहराने लगी है। सरकार ने 800 से अधिक घरों को असुरक्षित करार दिया है। इन्हें तोड़े जाने के लिए चिह्नित किया गया है। लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है।
Recommended Video
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि स्थानीय लोग काफी समय से इमारतों में दरारें और भूमि धंसने की चेतावनी दे रहे थे। एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन) की परियोजना के खिलाफ भी इस क्षेत्र में विरोध देखा गया है। हालांकि, एनटीपीसी ने जोर देकर कहा है कि जोशीमठ की इमारतों में दरार और Joshimath Land Subsidence का कारण उसकी परियोजना नहीं है।