JNUSU प्रेसीडेंट आइशी घोष बोलीं- इस लड़ाई में हम कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कश्मीर के मुद्दे पर एक बड़ा बयान दिया है। मंगलवार को जामिया पहुंची आइशी घोष ने कहा कि, इस लड़ाई में कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते, कश्मीर को अलग करके आंदोलन नहीं जीत सकते। इस सरकार ने संविधान से छेड़छाड़ कश्मीर से ही शुरू की थी। दरअसल आइशी घोष बुधवार को जामिया मिलिया इस्लामिय विवि में सीएए के विरोध में हो रहे प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंची थीं।
जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने बुधवार को कहा कि, 'हम इस लड़ाई में कश्मीर का मुद्दा नहीं छोड़ सकते और न ही उनकी बात भूल सकते हैं। उनके साथ जो हो रहा है, कहीं न कहीं वहीं से ही सरकार ने शुरू किया था कि हमारे संविधान को हमसे छीना जाए। अगर हम इतिहास पढ़ेंगे तो राम प्रसाद बिस्मिल का को याद करेंगे। गोडसे, सावरकर ने माफी मांगी वैसा इतिहास नहीं पढ़ेंगे।
आइशी घोष ने कहा, 'हमें डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि शाहीन बाग की हिम्मती महिलाओं से प्रेरणा लेने की जरूरत है। दिल्ली पुलिस ने जामिया यूनिवर्सिटी के अंदर घुसकर छात्रों से हिंसा की है। यहां लाइब्रेरी पुलिस द्वारा तोड़ी गई। सीएए व एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में पुलिस मस्जिद और लाइब्रेरी कैसे तोड़ सकती है। इस पर हम चुप नहीं बैठेंगे। दरअसल आइशी घोष ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और आर्टिकल 35-A हटाए जाने के बाद राज्य में लगी पाबंदियों का मुद्दा उठाया।
बता दें कि पिछले दिनों सीएए को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्र हाथ में 'फ्री कश्मीर' लिखे हुए बोर्ड लेकर खड़े थे, जिसपर विवाद शुरू हो गया। बाद में जेएनयू छात्रों ने कहा कि वो कश्मीर में फ्री इंटरनेट को लेकर लिखा गया था। अब जब कि आइशी ने एक बार फिर से कश्मीर के मुद्दे पर मुखर होकर अपनी राय रखी है।
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