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JNU में 'ब्राह्मण-बनिया' के खिलाफ भड़काऊ नारे किसने लिखे ? वीसी शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने ये बताया

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में ब्राह्मण-बनिया के खिलाफ भड़काऊ बातें लिखने के पीछे वाइस चांसलर ने बाहरी तत्वों के हाथ होने की आशंका जताई है। शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने कहा है आगे के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।

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दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी कैंपस की दीवारों पर हाल ही में ब्राह्मण-बनिया समाज के खिलाफ भड़काऊ नारे लिखने को लेकर खूब विवाद हुआ था। इस मामले की जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है। लेकिन, जेएनयू की वाइस चांसलर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने इस बात की ओर इशारा किया है कि इस घटना के अंजाम देने के पीछे कौन लोग हो सकते हैं। गौलतरब है कि जेएनयू कैंपस का विवादों से पुराना नाता रहा है और ताजा विवाद इस तरह कि कुछ विशेष जातियों के खिलाफ की गई नारेबाजी की वजह से पैदा हुई है, जिसमें यूनिवर्सिटी के कुछ प्रोफेसरों को भी व्यक्तिगत तौर पर निशाना बनाने की कोशिश की गई है।

नारेबाजी के पीछे बाहरी लोगों का हाथ हो सकता है- जेएनयू वीसी

नारेबाजी के पीछे बाहरी लोगों का हाथ हो सकता है- जेएनयू वीसी

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने कहा है कि कैंपस की दीवारों पर ब्राह्मण-विरोधी नारे लिखने के पीछे संभवत: बाहरी लोगों का हाथ है। उन्होंने कहा है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी समूह के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए जेएनयू का इस्तेमाल नहीं कर सकता। उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा है, 'हमारी जानकारी में यह आया है कि बाहरी लोग शायद आए होंगे और यह सब किया होगा। हम सोच रहे हैं कि क्या एहतियाती कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों।'

कुछ प्रोफेसरों को भी निजी तौर पर बनाया गया निशाना

कुछ प्रोफेसरों को भी निजी तौर पर बनाया गया निशाना

हाल ही में जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-II की दीवारों पर ब्राह्मण और बनिया समाज के खिलाफ भड़काऊ नारे लिखे गए थे। इन नारों में 'गो बैक टू शाखा' जैसे नारे कई प्रोफेसरों के चैंबरों के बाहर भी लिखे गए थे। जिन प्रोफेसरों के चैंबर के बाहर ऐसे भड़काऊ नारे लिखे हुए थे, उनमें नलिन कुमार महापात्र, राज यादव, परेश कुमार और वंदना मिश्रा शामिल हैं। ऐसे कई और आपत्तिजनक नारों की तस्वीरें और वीडियो सोसल मीडिया पर वायरल होने के बाद काफी विवाद खड़ा हो गया था।

24 घंटे के अंदर दीवारों पुताई कराई गई- वीसी

24 घंटे के अंदर दीवारों पुताई कराई गई- वीसी

जेएनयू की वाइस चांसलर ने दीवारों पर लिखी गई नारेबाजी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि आगे की जांच चल रही है। इससे पहले विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस घटना की निंदा करते हुए इसमें 'अज्ञात तत्वों' का हाथ होने की आशंका जताई जा चुकी है। उस घटना के एक दिन के भीतर ही सभी दीवारों की नए सिरे से पुताई करा दी गई थी। वाइस चांसलर ने कहा, 'स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में हमारी दीवारों को विकृत करने की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण थी और जांच जारी है। दीवारों की तत्काल व्हाइट वॉश करा दी गई थी और 24 घंटे के अंदर उसे साफ करा दिया गया था।'

सभी केंद्रों से सीसीटीवी लगाने को कहा गया

सभी केंद्रों से सीसीटीवी लगाने को कहा गया

यूनिवर्सिटी ने सभी केंद्रों से कहा है कि वो सीसीटीवी कैमरे लगवाएं और यह सुनिश्चित करें कि आने और जाने के लिए सिर्फ एक रास्ता हो। जवाहरल लाल नेहरू विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर ने यह भी कहा कि कैंपस को किसी भी ग्रुप के खिलाफ नफरत और भेदभाव फैलाने के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। वैसे तथ्य यह भी है कि जेएनयू शिक्षा के लिए कम, गलत वजहों से ज्यादा सुर्खियों में रहने वाली संस्था बन चुकी है।

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केंद्रीय मंत्री ने बताया टुकड़े-टुकड़े गैंग का हाथ

केंद्रीय मंत्री ने बताया टुकड़े-टुकड़े गैंग का हाथ

जेएनयू कैंपस में हुई इस समाज-विरोधी वारदात के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी टिप्पणी की थी और आरोप लगाया था कि इन सबके पीछे 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' का हाथ है, जो देश को बांटना चाहते हैं। जेएनयू कैपस में ही साल 2016 में हुई एक कथित आपत्तिजनक नारेबाजी की घटना के बाद भाजपा और उसके समर्थक विचारधारा के लोग खासकर वामपंथियों और उनकी जैसी सोच वालों पर निशाना साधने के लिए 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग कहकर हमला करते हैं।

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English summary
Delhi's JNU Vice-Chancellor Shantisree Dhulipudi Pandit has expressed the possibility of outsiders being behind the writing of objectionable things against Brahmins and Baniyas on the walls
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