जम्मू कश्मीर: चार और नेताओं को किया गया नजरबंदी से रिहा, जानें कौन हैं
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श्रीनगर। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने गुरुवार को चार और राजनेताओं को हिरासत से रिहा कर दिया है। पांच अगस्त को जब केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 को खत्म करने का फैसला किया था तो राज्य के 3,000 लोगों को या तो हिरासत में लिया गया था या फिर उन्हें नजरबंद किया गया था। सरकार ने इसके पीछे सुरक्षा व्यवस्था का हवाला दिया था। एक सीनियर ऑफिसर की ओर से बताया गया है कि चारों नेताओं को सीआरपीसी के सेक्शन 107 के तहत नजरबंद किया गया था।
जाने-माने शिया नेता आजाद
जिन राजनेताओं को रिहा किया गया है उनमें आबिद हुसैन अंसारी जो घाटी के जाने-माने शिया नेता और सज्जाद लोन की पार्टी जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के सदस्य हैं, उनका नाम सबसे ऊपर है। वह जादिबल से पार्टी के विधायक रहे हैं और साथ ही टॉप शिया मौलवी इमरान अंसारी के चाचा हैं। इमरान को भी पिछले माह ही नजरबंदी से छोड़ा गया है। जिन तीन और लोगों को छोड़ा गया है उनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के वर्कर नूर मोहम्मद, पीडीपी के प्रवक्ता और पूर्व विधायक यावर दिलावर मीर के अलावा कांग्रेस नेता सोहेब लोन शामिल हैं। इन सभी को पांच अगस्त से ही श्रीनगर के सेंटॉर होटल में रखा गया था।
बॉन्ड के बाद हुए हैं रिहा
इन सभी को रिहा करने से पहले एक बॉन्ड साइन कराया गया है कि ये किसी भी तरह से राज्य की शांति को भंग नहीं करेंगे। अगस्त माह में जब केंद्र सरकार ने राज्य को लेकर एक बड़ा फैसला लिया था तो उस समय करीब 3,000 लोगों को हिरासत में लिया गया था। अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान समय में 800 लोगों को हिरासत या फिर नजरबंद करके रखा गया है। इनमें से 250 लोग तो राज्य के बाहर की जेलों में बंद हैं। जो लोग अभी हिरासत में हैं उनमें राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के नाम टॉप पर हैं। कुछ दिनों पहले कुछ और नेताओं को आजाद किया गया था। साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक डेलीगेशन को भी श्रीनगर में फारूख अब्दुल्ला से मिलने की इजाजत दी गई थी।