पुलवामा हमला: जैश में कश्मीरी युवाओं की भर्ती और जिहाद की नई रणनीति से सुरक्षा एजेंसियों के उड़े होश
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आदिल अहमद डार जैश-ए-मोहम्मद का सबसे नीचले स्तर का आतंकी था, जिसने पूरे देश को दहला कर रख दिया है। पाकिस्तान संचालित जैश की यह नई रणनीति है, जिसने इतने बड़े हमले को अंजाम दिया। जैश में एक साल पहले शामिल हुआ आदिल अहमद डार सी ग्रेड का आंतकी था, जिसका खतरा इतना बड़ा नहीं माना जा रहा था। पुलवामा जिले के अवंतिपोरा में आतंकी डार कार लेकर सीआरपीएफ के काफिले में घुस गया और अपने आप को उड़ाकर धमाका कर दिया।
खुफिया अधिकारियों का मानना है कि आदिल अहमद डार को सी ग्रेड आतंकी श्रेणी में रखा गया था। जैश की इस नई रणनीति ने सुरक्षा एजेंसियों के बीच खतरे की घंटी बजा दी है। खुफिया अधिकारियों का मानना है कि यह कश्मीरी युवाओं को चुनने के लिए जैश-ए-मोहम्मद की नई रणनीति है, जो उन्हें कम प्रोफाइल पर रखते हैं, ताकि आतंकवाद विरोधी एजेंसियों की मजबूत पकड़ से बच सकते हैं।
हमले के तुरंत बाद और मौतों का सिलसिला जारी रहा। जैश-ए-मोहम्मद ने आदिल डार का एक वीडियो जारी किया, जिसमें हमले के लिए जिम्मेदारी का दावा किया गया और कह रहा था कि उसे 2018 में भर्ती किया गया था और उसे गुरुवार के हमले के लिए सौंपा गया था।
वह कोई ऐसा जिहादी नहीं था जो विस्फोटक लोडेड कार का उपयोग करके घातक फिदायीन हमले को अंजाम दे सकता था, लेकिन सीआरपीएफ की बस को टक्कर मारकर जैश की इस रणनीति ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं।