इसरो को अंतरिक्ष में बड़ी सफलता, संचार सैटेलाइट GSAT-29 लॉन्च
श्रीहरिकोटा। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) बुधवार (14 नवंबर) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से संचार उपग्रह जीएसएटी-29 लॉन्च किया है। यह उपग्रह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। उपग्रह को प्रक्षेपण यान को जीएसएलवी-एम-के3-डी2 रॉकेट के जरिए स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। जीएसएलवी एमके 3 रॉकेट जीसैट-29 को भू स्थिर कक्षा में स्थापित करेगा। यह लॉन्च जम्मू और कश्मीर के साथ उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए काफीअहम है। इसको लेकर मंगलवार दोपहर 2.50 बजे काउंटडाउन शुरू हो गया था। इसे बुधवार को 5.08 बजे लॉन्च किया गया।
श्रीहरिकोटा से लॉन्च किए जाने वाला यह 76वां और भारत में बना 33वां संचार सैटेलाइट है। इस साल यह इसरो का पांचवां लॉन्च होगा। भारत और इसरो के लिए यह काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह भारत के दूरगामी इलाकों में भी हाई-स्पीड डाटा ट्रांसफर करने में मदद करेगा। लॉन्च होने के बाद यह अगले 10 सालों तक काम करता रहेगा।
इसरो के मुताबिक, इस संचार उपग्रह का वजन 3,423 किलोग्राम है। जीसैट-29 उपग्रह उच्च क्षमता वाले कू-बैंड के ट्रांसपोंडरों से लैस है। इससे जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्वी भारत के दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में मदद मिलेगी। इस उपग्रहमें लगे कैमरे से हिंद महासागर में नजर रखी जा सकेगी।
जियो-सिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल जीएसएलवी एमके -3 का वजन 641 टन है। 43 मीटर की ऊंचाई वाला यह रॉकेट 13 मंज़िल की इमारत से ज्यादा ऊंचा है। इस नए रॉकेट को तैयार करने में 15 साल का वक्त लगा है। इसे बाहुबली नाम दिया गया है। इसके हर लॉन्च की अनुमानित लागत 300 करोड़ रुपये से ज्यादा रहेगी।
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