
क्या AIDS रोगी से निकला है कोविड का नया B.1.1.529 वेरिएंट ? पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों में खलबली
नई दिल्ली, 26 नवंबर: कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट बी.1.1.529 दुनिया भर के लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। हालांकि, तीन देशों में इसके अबतक सिर्फ 10 मामले ही सामने आए हैं, लेकिन एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नया वेरिएंट 32 म्युटेशन वाला कोरोना वायरस है, जो शरीर की प्रतिरक्षा को भी आसानी से भेदने में सक्षम हो सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि वैज्ञानिकों को संदेह है कि यह म्युटेशन एड्स/एचआईवी के उस रोगी के शरीर से विकसित हुआ है, जो किसी वजह से अपना उचित इलाज नहीं करा रहा था। फिलहाल भारत के लिए राहत की बात ये है कि सरकारी सूत्रों के अनुसार नए वेरिएंट के एक भी मामले देश में नहीं मिले हैं।

क्या है 32 म्युटेशन वाला बी.1.1.529 कोविड-19 वेरिएंट ?
दक्षिण अफ्रीका में 30 से ज्यादा (32)स्पाइक म्युटेशन वाला कोरोना का नया वेरिएंट मिलने से वैज्ञानिकों में भी हड़कंप मच गया है। वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है कि कई म्युटेशन का कॉम्बिनेशन होने की वजह से यह वायरस को ऐसा बना सकता है, जो इम्युनिटी को भी नाकाम कर देगा। इंपीरियल कॉलेज लंदन के एक वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर टॉम पीकॉक ने गुरुवार को सोशल मीडिया के जरिए बताया है कि 'स्पाइक म्युटेशन की अविश्वसनीय रूप से ज्यादा मात्रा वास्तविक चिंता का विषय हो सकता है (ज्यादातर पहचान वाले मोनोक्लोनल एंटीबॉडी से बच निकलने की संभावना)'। हालांकि, उनको इस बात से थोड़ी राहत है कि फिलहाल संख्या बहुत ही कम हैं, लेकिन उनकी चिंता इसके डरावने स्पाइक प्रोफाइल को लेकर है, जिसपर उन्होंने निगरानी रखने की सलाह दी है।

बी.1.1.529 नया वेरिएंट किन देशों में मिला है ?
बी.1.1.529 का पहला मामला बोत्सवाना में 11 नवंबर को सामने आया है। तीन दिन बाद दक्षिण अफ्रीका में भी इसी वेरिएंट की पुष्टि की गई। इनके अलावा अभी तक सिर्फ हॉन्ग कॉन्ग में 36 साल के एक शख्स में यह वेरिएंट मिला है, जो 22 अक्टूबर से 11 नवंबर तक दक्षिण अफ्रीका में रहकर आया है। 13 नवंबर को उसके सैंपल में नए वेरिएंट का पता चला है और वह तभी से क्वांरटाइन है।

बी.1.1.529 क्यों हो सकता है ज्यादा संक्रामक ?
नए वेरिएंट में म्युटेशन पी681एच देखा गया है, जो पहले अल्फा, एमयू, कुछ गामा में भी और बी.1.1.318 में भी रिपोर्ट किया गया है, जो संक्रामकता बढ़ाता है। नए वेरिएंट में एन679के म्युटेशन भी है और यह भी कई और वेरिएंट में हो चुका है। इसके अलावा नए वेरिएंट में एन501वाई म्यूटेशन भी है, जो कई वेरिएंट ऑफ कंसर्न में भी रिपोर्ट किया गया है। शोध से पता चला है कि इस म्युटेशन की वजह से वायरस को ज्यादा संक्रामक होने में मदद मिलती है। इनके अलावा नए वेरिएंट में म्युटेशन डी614जी भी रिपोर्ट किया गया है, जो वायरस का संक्रमण बढ़ाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वेरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में 32 म्युटेशन मौजूद हैं और इसीलिए इसे शरीर के प्रतिरोधी क्षमता को बेअसर करने की आशंका लग रही है।

वैज्ञानिकों में क्यों मची है खलबली ?
वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि बहुत ज्यादा संख्या में म्युटेशन की वजह से यह इंसान के शरीर की सुरक्षा को नाकाम कर सकता है, जिससे कोरोना की और लहरें आ सकती हैं। फिलहाल तीनों देशों को मिलाकर अभी तक सिर्फ 10 ही मामले सामने आए हैं, लेकिन इस खबर से लोगों और एक्सपर्ट में खलबली मची हुई है और दावा किया जा रहा है कि इन म्युटेशनों की वजह से कोरोना वायरस को इम्युनिटी से बचने में मदद मिल सकती है।
Recommended Video

नया वेरिएंट एड्स के मरीज से विकसित हुआ है ?
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंप्युटेशनल सिस्टम बायोलॉजी के प्रोफेसर और यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर फ्रैंकोइस बैलॉउक्स ने चेतावनी दी है कि इस वेरिएंट के
प्रतिरक्षाविहीन व्यक्ति के पुराने संक्रमण के दौरान विकसित होने की आशंका है। साइंस मीडिया सेंटर की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार बैलॉउक्स ने कहा है कि प्रतिरक्षाविहीन व्यक्ति संभवत: अनुपचारित एचआईवी/एड्स का रोगी था। उन्होंने कहा है, 'यह जानना मुश्किल है कि पी681एच और एन679के दोनों म्युटेशन कैसे साथ में है। यह एक ऐसा कॉम्बिनेशन है जिसे हम केवल असाधारण तौर पर और दुर्लभ ही देखते हैं।'

अबतक कितने वेरिएंट ऑफ कंसर्न ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अभी तक कोरोना वायरस के चार वेरिएंट को ही वेरिएंट ऑफ कंसर्न बताया गया है। ये हैं- अल्फा (बी.1.1.7 या कथित यूके वेरिएंट), बीटा (बी.1.351 या कथित साउथ अफ्रीका वेरिएंट), गामा (पी.1 या कथित ब्राजील वेरिएंट) और डेल्टा (बी.1.617.2) वेरिएंट। (तस्वीरें- सांकेतिक)