IRCTC ने भेज दिया गलत SMS, अब कोर्ट ने दिया 25000 का मुआवजा देने का आदेश
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नई दिल्ली। आईआरसीटीसी की तरफ से ग्राहक को एक गलत मैसेज भेज दिया गया और इसकी वजह अब आईआरसीटीसी पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जिला फोरम ने आईआरसीटीसी को आदेश दिया है कि उस ग्राहक को 25,000 रुपए का मुआवजा दिया जाए। आईआरसीटीसी ने महाबोधी एक्सप्रेस के एक यात्री को गलत मैसेज भेज दिया था, जिसके बाद यात्री आईआरसीटीसी के खिलाफ जिला फोरम चला गया और शिकायत की। आईआरसीटीसी पर यात्री ने खराब सेवा के तहत केस कर दिया है और साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि आईआरसीटीसी की वजह से उसे शारीरिक और वित्तीय रूप से दिक्कत का सामना करना पड़ा।
एक ही टिकट के पैसे मिले वापस
विजय प्रताप सिंह को 29 मई को अपने बेटे अक्षत के साथ इलाहाबाद से दिल्ली आना था। वे दोनों महाबोधी एक्सप्रेस से आने वाले थे, जिसके लिए उन्होंने टिकट बुक कराया था। उन्हें इससे पहले पहले ही एक एसएमएस मिला, जिसमें लिखा था कि महाबोधी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। मैसेज में लिखा था कि वह अपना टिकट कैंसिल कर दें, अगर उन्हें रिफंड चाहिए। उन्हें आईआरसीटीसी ने सिर्फ एक टिकट के पैसे रिफंड किए क्योंकि दूसरी टिकट तत्काल कोटे में बुक की गई थी। हालांकि, ट्रेन रद्द होने की स्थिति में पूरे पैसे मिलने चाहिए।
कैब से जाना पड़ा इलाहाबाद से दिल्ली
जब उन्होंने अपना टिकट कैंसिल कर दिया उसके बाद उन्हें पता चला कि यह एसएमएस उनके पास गलती से आ गया था। उसी दिन महाबोधी एक्सप्रेस इलाहाबाद से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। उनके बेटे को दिल्ली वापस जाना बहुत जरूरी था, इसलिए उन्होंने अपने बेटे के लिए एक कैब बुक की, क्योंकि उस दिन और कोई ट्रेन नहीं थी। इसके बाद विजय प्रताप सिंह दिल्ली जिला उपभोक्ता फोरम पहुंचे और वकील संजीव निर्वानी के जरिए शिकायत की। अब वह आईआरसीटीसी से कैब का किराए और अपनी बची हुई एक टिकट का रिफंड चाहते हैं।
फोरम ने दिया 25,000 का आदेश
अब उपभोक्ता फोरम ने आईआरसीटीसी को आदेश दिया है कि वह सिंह को 25,000 रुपए मुआवजे के तौर पर दें, क्योंकि आईआरसीटीसी की वजह से उन्हें शारीरिक और वित्तीय रूप से दिक्कत का सामना करना पड़ा। आईआरसीटीसी इस आदेश के खिलाफ दिल्ली स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रीड्रेसल कमीशन में चला गया और कहा कि उपभोक्ता फोरम ने उन्हें कोई नोटिस तक नहीं भेजा।
कोर्ट ने भी सही ठहराया फैसला
इसके बाद दिल्ली स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रीड्रेसल कमीशन के सदस्यम अनिल श्रीवास्तव और ओपी गुप्ता ने भी सुनवाई के बाद उपभोक्ता फोरम के फैसले को सही ठहराया और माना कि आईआरसीटीसी की खराब सेवा के चलते यह हुआ। सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह माना कि अगर मैसेज गलती से चला गया था तो दोबारा सही मैसेज भेजा जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।