पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान आएंगे भारत, जानें सरकार क्यों कर रही है इनवाइट
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का दौर जारी है और इन हालातों के बीच ही पाक प्रधानमंत्री इमरान खान दिल्ली आ सकते हैं। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी भारत सरकार की तरफ से इमरान खान को शंघाई को-ऑपरेशन आर्गनाइजेशन समिट (एससीओ) के लिए इनवाइट किया जाएगा। इस वर्ष भारत इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। अगर इमरान, भारत आते हैं तो कई वर्षों बाद किसी पाकिस्तानी पीएम का यह पहला भारत दौरा होगा।
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पाकिस्तान लेगा इनवाइट पर फैसला
सूत्रों की ओर से बताया गया है कि पीएम खान इस मीटिंग में शामिल होंगे या नहीं, इसका फैसला पाकिस्तान की तरफ से लिया जाना है। सरकार से जुड़े सूत्रों की ओर कहा गया है, 'प्रोटोकॉल के तहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को भी आमंत्रण भेजा जाएगा। यह पाकिस्तान पर है कि उनके प्रधानमंत्री या फिर कोई और प्रतिनिधि इस मीटिंग में शामिल होते हैं या नहीं। अभी इस शिखर सम्मेलन में काफी समय है।' भारत पहली बार एससीओ समिट की मेजबानी कर रहा है।
साल 2014 में आए पाक पीएम नवाज
आखिरी बार साल 2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भारत आए थे। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार चुनाव जीत कर केंद्र की सत्ता में पहुंचे थे। उन्होंने अपने शपथ ग्रहण के मौके पर सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों का इनवाइट भेजा था। इसके बाद से पाक का कोई भी पीएम भारत के दौरे पर नहीं आया है। भारत साल 2005 में एससीओ में बतौर पर्यवेक्षक शामिल हुआ था। जून 2017 में भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों को संगठन में पूर्ण सदस्य के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
पहली बार भारत बना है SCO का मेजबान
इस संगठन के सेक्रेटरी जनरल व्लादिमिर नोरोव ने मीडिया को जानकारी दी है कि भारत सरकार की तरफ से एससीओ के तहत आने वाले सभी राष्ट्राघ्यक्षों की मेजबानी पहली बार भारत करने वाला है। नोरोव ने सोमवार को मीडिया को इस बारे में बताया है। विशेषज्ञों की मानें तो राष्ट्राध्यक्षों के अलावा एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्री भी सम्मेलन में शामिल होते हैं। नोरोव चार दिनों की भारत यात्रा पर रविवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे थे। उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर से भी मुलाकात की।
साल 2001 में हुई थी एससीओ की शुरुआत
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नोरोव ने जयशंकर के साथ पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के शिरकत करने पर कोई चर्चा की थी या नहीं। नोरोव की मानें तो सभी एससीओ देश इस बात से खुश हैं कि भारत इस बार सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है। भारत इस क्षेत्र का एक अहम देश है और उसमें आर्थिक तरक्की की सभी संभावनाएं हैं। साल 2001 में चीन के शहर शंघाई में एससीओ की नींव पड़ी थी। इस संगठन में रूस, चीन, कीर्गिस्तान, कजाख्स्तानख् तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान जैसे देश शामिल हैं।