चीन की चुनौती का सामना करने के लिए सीमा पर अब ऐसे पहुंचेगा भारत
नई दिल्ली। डोकलाम विवाद के बाद अब भारत अपनी सीमाओं को मजबूत करने में जुटा है। भारत ने चीन के साथ सटे सीमाओं पर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण योजना पर काम कर रहा है। अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए भारत लाइन ऑफ एक्चूअल कंट्रोल पर 17 भूमिगत टनल बनाने की योजना पर काम कर रहा है। चीन की चुनौती का सामना करने और सीमा तक पहुंचने के लिए भारत पहले से ही इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। चीन सीमा पर भारत 73 सड़कों का कंस्ट्रक्शन बहुत पहले ही शुरू कर चुका है।
विपरित परिस्थिति में भी सीमा पर पहुंचेगी इंडियन आर्मी
चीन सीमा पर इन टनल का निर्माण कर भारत ना सिर्फ कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में जुटा है, बल्कि विपरित परिस्थितियों में भी आसानी से वॉरहेड ले जाने और सेना की टुकड़ी पहुंचाने में मदद मिलेगी। इन टनल का निर्माण होने से सीमा तक पहुंचाने के लिए दूरी तो कम होगी ही, लेकिन साथ में भारी बर्फबारी में भी इंडियन आर्मी को पहुंचने में दिकक्त नहीं होगी। अक्सर बर्फबारी के दौरान रास्ता बंद हो जाता है।
टनल से एवलांच से बचा जा सकेगा
इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, बीआरओ (Border Roads Organisation) ने एक सेमिनार में कहा कि टनल बनने से सीमा पर कनेक्टिविटी बढ़ेगी और ऑपरेशनल कोस्ट पर वाहनों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इससे सेंसिटिव एरिया में जवानों भेजने में आसानी होगी। टनल बनने से एवलांच से बचा जा सकेगा।
कई टनल का निर्माण हो चुका है शुरू
बीआरओ के अनुसार, एलएसी पर 17 टनल बनाने के काम पर योजना बनाई जा रही है। उनमें से कई टनल का कंस्ट्रक्शन शुरू भी हो चुका है। इससे पहले भी जम्मू और कश्मीर में 10.9 किमी लंबी चेनानी-नाशरी रोड़ टनल तैयार करने से चेनानी और नाशरी के बीच की दूरी 41 किमी से घटकर 9.2 किमी रह गई। इससे 44 ऐसी जगहों से भी बचा जा सका जहां अक्सर भूस्खलन और हिमस्खलन होते थे।