ईरान के चाबहार पोर्ट से शुरू हुआ व्यापार का नया रास्ता, भारत ने अफगानिस्तान भेजा गेहूं
गांधीनगर। भारत ने पहली बार ईरान के चाबहार बंदरगाह से होकर गेहूं का शिपमेंट अफगानिस्तान भेज दिया है। अफगानिस्तान में प्रवेश के लिए पाकिस्तान ने अपने रास्तों को भारत के लिए बंद कर दिया था, लेकिन अब ईरान के चाबहार बंदरगाह से होकर भारत के जहाजों को अफगानिस्तान पहुंचाया जाएगा, जिसकी पहली खेप शुक्रवार को गुजरात के कांडला पोर्ट से रवाना की गई। चाबहार बंदरगाह से होकर भारत के जहाजों का गुजरना, अपने आप में एक एतिहासिक और बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि इस नए रूट से दोनों देशों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी और व्यापार को नए स्तर पर ले जाने में मदद मिलेगी। आने वाले कुछ हफ्तों और इसी रास्तों से होकर भारत और भी कई अपने मालवाहक शिप रवाना करेगा। इस दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग कर कांडला बंदरगाह से जहाज रवाने किए।
इस एतिहासक रास्ते से जहाज रवाने करने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'गेहूं का शिपमेंट एक मिल का पत्थर साबित हुआ है, जिससे दोनों देशों के बीच अवसरों के नए आयाम खुलेंगे। चाबहार पोर्ट से अफगानिस्तान के साथ विकल्प और विश्वनीय कनेक्टिविटी को बल मिलेगा। इससे तीनों देशों (भारत, ईरान और अफगानिस्तान) के बीच व्यापार और वाणिज्य के अवसर को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।'
अफगानिस्तान के लोगों के लिए भारत की ओर से 11 लाख टन गेहूं की सप्लाई के कमिटमेंट का हिस्सा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ईरान और अमेरिका के बीच तनाव के बावजूद चाबहार पोर्ट से होकर भारत के जहाजों का गुजरना अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि और अच्छी विदेश नीति की मिसाल है। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने नई दिल्ली की यात्रा के दौरान कहा था कि उन्हें भारत और ईरान के द्विपक्षीय सहयोग से कोई दिक्कत नहीं है।