अस्पतालों में जाकर मरीजों के नोट बदल रहा है भारतीय डाकघर, पब्लिक ने की सराहना
भारतीय डाक मदद के लिए आगे आया है। अस्पतालों में खुले नोट न लेने की वजह से उपचार में दिक्कत आ रही है, ऐसी शिकायतों के बाद कर्मचारी अस्पताल जाकर खुद ही नोट एक्सचेंज कर रहे हैं।
नई दिल्ली। 500 और 1000 रुपए की नोटबंदी के फैसले के बाद से आमजन को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, पीएम मोदी ने यह माना है कि इससे लोगों को बेशक समस्या हो रही है लेकिन जनता से उन्होंने कालेधन के खिलाफ लड़ाई में 50 दिनों का सहयोग देने की अपील की है।
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हालांकि, पीएम मोदी ने रविवार रात एक मीटिंग के दौरान यह तय किया कि हर रोज एटीएम से निकलने वाले रुपए की लिमिट को प्रतिदिन 2 हजार रुपए की बजाय बढ़ाकर ढाई हजार रुपए कर दिया गया।
सरकार भी इसी क्रम में गांवों, सुदूर इलाकों में मदद पहुंचा रही है। उसने गांवों तक मोबाइल एटीएम भी ले जाने को कहा है।
यहां तक कि नोट पहुंचाने के लिए वायुसेना की भी मदद ली जा रही है।
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इसी क्रम में भारतीय डाक भी मदद के लिए आगे आया है। अस्पतालों में खुले नोट न लेने की वजह से उपचार में दिक्कत आ रही है, ऐसी कई शिकायतेंं आईंं।
सरकार ने इसे संज्ञान में लेते हुए ऐक्शन लिया है। अब डाकघर के कर्मचारी अस्पताल जाकर खुद ही नोट एक्सचेंज कर रहे हैं।
भारत के केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर पोस्ट की जो कि इस बात का प्रमाण है कि इंडिया पोस्ट लगातार जरूरतमंदों की मदद कर रहा है।
पीयूष गोयल ने तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा,'अस्पतालों में करेंसी एक्सचेंज सुविधा पहुंचाने के लिए टीमों को भेजा जा रहा है।'
भारतीय डाक की इस शानदार पहल की इलाज कराने वालों, तीमारदारों ने सराहना की है। उनका कहना है कि कल तक उनके पास चाय पीने तक को पैसे नहीं थे लेकिन पोस्ट ऑफिस के लोग ग्राउंड लेवल जीरो पर काम कर रहे हैं। उनकी मदद से सभी को सहूलियत हो रही है।