India-China Border: शहीद होने से पहले कर्नल संतोष बाबू ने पूरा किया पिता का एक सपना
नई
दिल्ली।
पूर्वी
लद्दाख
में
लाइन
ऑफ
एक्चुअल
कंट्रोल
(एलएसी)
पर
भारत
और
चीन
के
बीच
जारी
टकराव
अब
एक
तनावपूर्ण
मोड़
पर
पहुंच
गया
है।
45
साल
बाद
एलएसी
पर
हुए
संघर्ष
में
भारत
कर्नल
संतोष
बाबू
समेत
20
सैनिक
शहीद
हो
गए।
कर्नल
संतोष
बाबू
के
माता-पिता
हैदराबाद
में
हैं
और
उनकी
पत्नी
और
बच्चे
दिल्ली
में
रहते
हैं।
कर्नल
बाबू
ने
शहीद
होने
से
पहले
अपने
पिता
का
वह
सपना
पूरा
किया
है
जो
वह
पूरा
नहीं
कर
सके
थे।
यह भी पढ़ें-लद्दाख में शहीद कर्नल संतोष के माता-पिता सदमे में
पिता चाहते थे सेना में शामिल होना
कर्नल संतोष बाबू ने चीनी जवानों की तरफ से हुई हिंसा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए हैं। माता-पिता बेटे की शहादत से सदमे में हैं लेकिन उन्हें इस बात का गर्व है कि बेटे ने वह सपना पूरा किया है जो वह पूरा नहीं कर सके थे। कर्नल संतोष बाबू के पिता बी उपेंद्र हैदराबाद में अपने घर में हैं और शहीद बेटे के तिरंगे में लिपटे शव का इंतजार कर रहे हैं। वह एक रिटायर्ड बैंकर हैं। कभी उनका भी सपना सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना था। वह कहते हैं, 'मैं सेना में शामिल नहीं हो सका और अपने देश की सेवा नहीं कर सका। इसलिए मैंने चाहा कि मेरा बेटा सेना में जाए और देश की सेवा करे। हालांकि मेरे रिश्तेदार मेरी इस बात से खुश नहीं थे।' लेकिन पिता खुश हैं कि बेटे ने उनका यह सपना पूरा किया और अपनी जिंदगी देश के नाम कर दी है।
हैदराबाद आने वाली थी पोस्टिंग
16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल बाबू को हैदराबाद में पोस्टिंग का इंतजार था। वह तेलंगाना के सूर्यपेट जिले के रहने वाले थे। कर्नल बाबू दो बच्चों एक बेटी और एक बेटे के पिता थे। रविवार को उन्होंने अपनी मां से बात की थी और दोनों के बीच एलएसी पर जारी तनाव को लेकर भी बात हुई थी। उनकी मां कहती हैं कि बेटे की शहादत से वह बहुत दुखी हैं लेकिन गर्व भी है कि बेटे ने देश के लिए इतना महान बलिदान दिया है।
साल 2004 में हुए सेना में शामिल
मां ने जब बेटे से भारत-चीन तनाव के बारे में बात की तो कर्नल संतोष ने जवाब दिया कि वह उन मुद्दों पर बात नहीं कर सकते हैं जो संवेदनशील हैं। पिता ने बेटे से सावधान रहने और और ध्यान रखने की बात कही थी। कर्नल संतोष बाबू साल 2004 में कमीशंड हुए थे और उनकी पहली पोस्टिंग जम्मू कश्मीर थी। मंगलवार दोपहर को माता-पिता को सीनियर आर्मी ऑफिसर्स की तरफ से बेटे की शहादत के बारे में पता चला था। बुधवार शाम चार बजे कर्नल बाबू का पार्थिव शव सूर्यपेट पहुंच जाएगा।
शव के साथ हैदराबाद जाएंगे पत्नी और बच्चे
कर्नल बाबू का शव लेह से पहले दिल्ली आएगा और यहां से उनकी पत्नी और बच्चे सर्विस एयरक्राफ्ट से शव के साथ सूर्यपेट आएंगे। पत्नी और बच्चे दिल्ली के शंकर विहार में रहते हैं। भारत और चीन की सेना के बीच पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में टकराव जारी है। 15 जून को भारत और चीन के सेना प्रतिनिधियों की एक और मीटिंग हुई थी। एलएसी की दो लोकेशंस पर वार्ता हुई जिसमें ब्रिगेडियर रैंक के ऑफिसर गलवान घाटी में तो कर्नल स्तर के ऑफिसर हॉट स्प्रिंग एरिया में मिले थे। लेकिन सोमवार रात यह टकराव हिंसक हो गया था।