जम्मू कश्मीर: LoC पर सेना ने मारे 450 आतंकी, लेकिन अभी पूरा नहीं हुआ है मिशन
श्रीनगर। सेना ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी कि उसने जम्मू कश्मीर में सक्रिय 450 आतंकियों को ढेर किया है और उनका ढांचा खत्म किया है। सेना के मुताबिक इन आतंकियों को पाकिस्तान से मदद मिल रही थी। सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 16 आतंकी कैंप्स सक्रिय हैं। ये कैंप्स पीओके और पाकिस्तान से संचालित हो रहे हैं। लेकिन आर्मी की मानें तो उसका काम और मिशन अभी पूरा नहीं हुआ है। कई आतंकी अभी तक सक्रिय हैं और सेना की ओर से इन्हें खत्म करने का काम जारी है।
पीर पंजाल के उत्तर में सबसे ज्यादा आतंकी
नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने उधमपुर में मीडिया से बात की। उन्होंने यहां पर कहा, 'पीर पंजाल के उत्तर में आतंकियों की संख्या कहीं ज्यादा है। करीब 350 से 400 आतंकी कश्मीर घाटी में सक्रिय हैं। पीर पंजाल के दक्षिण में जो जम्मू क्षेत्र है, वहां पर करीब 50 आतंकी सक्रिय हैं।' उन्होंने कहा कि पीर पंजाल के दक्षिण में बहुत से आतंकियों को निष्क्रिय कर दिया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर ने कहा, 'इस तरफ सुरक्षा व्यवस्था स्थिर है। हालांकि पीर पंजाल के उत्तर में यानी कश्मीर के क्षेत्र में ज्यादातर ऑपरेशंस चलाए जा रहे हैं क्योंकि वहां पर बहुत से आतंकी मौजूद हैं।'
पाकिस्तान और पीओके में 16 आतंकी कैंप्स
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने बताया कि आतंकियों को ढांचा पीओके और पाकिस्तान से जुड़ा हुआ था। जनरल सिंह ने मीडिया से कहा कि यह काफी दुख की बात है कि अभी तक पीओके में आतंकियों को ढांचा सक्रिय है। पाकिस्तान की सेना आतंकियों को एलओसी क्रॉस करने में पूरी मदद कर रही है। पाक सेना सीजफायर और दूसरी गतिविधियों की आड़ में आतंकियों को एलओसी पार करने में मदद कर रही है। जनरल सिंह ने जानकारी दी कि पीओके और पाकिस्तान में करीब 16 आतंकी कैंप्स अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
191 युवा आतंकी संगठनों में शामिल
नॉर्दन आर्मी कमांडर ने बताया कि कश्मीर घाटी के 191 युवा आतंकी संगठन में शामिल हुए लेकिन वहीं पिछले कुछ माह में आतंकी संगठनों में शामिल होने की होड़ में कमी भी आई है। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह के मुताबिक ज्यादातर भर्तियां अगस्त माह में हुई हैं। वहीं अक्टूबर से लेकर अभी तक आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या में कमी भी आई है। जनरल सिंह ने बताया कि सेना की तरफ से युवाओं तक पहुंचने और उन्हें समझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उनके माता-पिता और अध्यापकों से मिलकर युवाओं को आतंकी संगठन में शामिल ने होने के लिए समझाने को कहा गया है।