गर्ल फ्रेंड की पिटाई करने वाले को इमरान ने UN में दी मलीहा की जगह पाकिस्तान की कमान
नई दिल्ली- संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने अपनी स्थाई प्रतिनिधि मलीहा लोधी की जगह 74 साल के जिस शख्स मुनीर अकरम को नियुक्त किया है, उन्हें करीब डेढ़ दशक पहले अमेरिका से जबरन बाहर निकाला जा चुका है। तब उनपर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपनी लिव-इन पार्टरन की पिटाई की थी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने न्यूयॉर्क से लौटने के सिर्फ 72 घंटे के भीतर ये फैसला लिया है। दिलचस्प बात ये है कि ये फैसला तब लिया गया है, जब पाकिस्तान में खुद इमरान और उनकी पार्टी पाकिस्तानी पीएम को संयुक्त राष्ट्र पर कश्मीर पर आग उगले के लिए ग्लोबल स्टार की तरह पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तान में लोग इमरान के इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि, पाकिस्तान में मलीहा की छवि बहुत अच्छी है और वो इमरान से पहले तीन-तीन पाकिस्तानी शासकों के दौरान न्यूयॉर्क में जमी रही हैं।
74 साल के रिटायर्ड डिप्लोमैट के भरोसे पाकिस्तान
यूएन में पाकिस्तान के नव नियुक्त स्थाई प्रतिनिधि मुनीर खान की करीब 15 साल बाद न्यूयॉर्क में दोबारा वापसी हो रही है। डेढ़ दशक पहले मुनीर की वजह से वहां ऐसे हालात पैदा हो गए थे कि अमेरिका ने उन्हें जबरन बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इमरान के इस फैसले से पाकिस्तानियों को भी बेहद हैरानी हो रही है। लोग सिर्फ मुनीर के इतिहास की वजह से नहीं, बल्कि इसलिए उनकी नियुक्ति पर आश्चर्य जता रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि पाकिस्तान को यूएन में 74 साल के एक रिटायर डिप्लमोमैट के हवाले करना पड़ गया। ये सवाल इसलिए और गंभीर हो जाते हैं कि पाकिस्तान लौटने के बाद से इमरान खुद को यूएन में दिए अपने 50 मिनट के भाषण को लेकर रॉकस्टार समझ रहे हैं।
गर्ल फ्रेंड की पिटाई के आरोप में अमेरिका से निकाले गए थे
गौरतलब है कि 2003 में पाकिस्तान को अपने डिप्लोमैट मुनीर अकरम को बड़ी फजीहत के बाद न्यूयॉर्क से आनन-फानन में स्वदेश बुलाना पड़ा था। दरअसल, मुनीर के खिलाफ वहां घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज हुई थी। उनकी लिव-इन पार्टनर मारिजाना मिहिक ने उनपर पिटाई करने का आरोप लगाया था। तब स्थिति इतनी विस्फोटक हो गई थी कि न्यूयॉर्क के अभियोजकों को दुष्कर्म के लिए हमला करने जैसे आरोपों में केस दर्ज करने की मांग कर दी थी। इसके बाद अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट को पाकिस्तान सरकार से कहना पड़ा कि वह उनको मिली डिप्लमैटिक इम्युनिटी को फौरन वापस ले। हालांकि, बाद में इस मामले को किसी तरह से कोर्ट के बाहर ही निपटना लिया गया। अब शायद इमरान को लग रहा है कि यह मुद्दा पुराना पड़ चुका है, इसलिए उन्हें दोबारा यूएन भेजने का फैसला लिया है।
इमरान ने मलीहा की जगह मुनीर को क्यों चुना ?
असल में बात ये है कि कश्मीर मुद्दे पर इमरान खान पाकिस्तानी आर्मी के दबाव में जिस तरह का भारत-विरोधी आक्रामक स्टैंड ले रहे हैं, उसमें मुनीर जैसी शख्सियत ही उन्हें ग्लोबल फ्रंट पर सूट करता है। क्योंकि, अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ जहर उगलना ही मुनीर की विशेषता रही है, जो इस समय इमरान की कूटनीति में फिट बैठता है। इस नियुक्ति पर पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने कहा है, 'लगता है कि मुनीर अकरम की स्थाई प्रतिनिधि के तौर पर बहाली यूएन में रहते हुए गर्ल फ्रेंड को पीटने वाली उनकी पिछली परफॉर्मेंस पर आधारित है, जो कि महिला विरोधी नया पाकिस्तान के दृष्टिकोण से मेल खाती है।'
अपनी करतूत पर पर्दा डाल रहे हैं इमरान?
जहां तक मलीहा लोधी की बात है वो लंबे वक्त से अमेरिका में पाकिस्तान की राजदूत से लेकर न्यूयॉर्क के यूएन दफ्तर में पाकिस्तान की डिप्लोमैट रही हैं। उन्होंने बेनजीर भुट्टो, नवाज शरीफ से लेकर मुशर्रफ के समय में भी अमेरिका में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया है। लेकिन, उन्हें ऐसे समय में अपमानजनक तरीके से हटाया गया है, जब इमरान खान यूएन में अपने भाषण के लिए अपनी पीठ खुद ही थपथपा रहे हैं। पाकिस्तान सरकार के आलोचकों में से एक मोहम्मद ताकी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है, 'यूएनजीए वर्ल्ड कप विजेता टीम के मैनेजर की छुट्टी ?' वैसे आमतौर पर पाकिस्तानी विश्लेषकों की राय है कि यूएन में मलीहा ने जिस तरह से देश का पक्ष रखा उससे बेहतर नहीं हो सकता था। लेकिन, फिर भी उनकी छुट्टी इसलिए की गई है क्योंकि अब इमरान सरकार को एहसास हो रहा है कि यूएनजीए में ड्रामेबाजी के चक्कर में उन्होंने परमाणु युद्ध की बात करके बहुत बड़ी गलती कर दी। क्योंकि, उनकी यह नौटंकी पश्चिमी मीडिया और पाकिस्तानी मीडिया को भी नागवार गुजरी है और सिर्फ इमरान खान के समर्थक ही उनकी वाहवाही कर रहे हैं।