कोविड से बचना है तो अमेरिका के इस टॉप डॉक्टर की 5 बातें गांठ बांध लें, नहीं होंगे संक्रमित
नई दिल्ली, 17 जनवरी: कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। यह बात अमेरिका के एक बड़े संक्रामक रोग विशेषज्ञ ने खुद इसके इंफेक्शन से छुटकारा पाने के बाद अपने दो साल के अनुभवों के आधार पर शेयर किया है। उन्होंने पांच टिप्स दिए हैं और कहा है कि इन सबका पालन करने वाले कोविड संक्रमण से पुख्ता तौर पर बचे रह सकते हैं। उन्होंने खुद से हुई एक चूक के बारे में भी बताया है कि कैसे वे दो साल बाद इस वायरस की चपेट में आ गए। डॉक्टर फहीम यूनुस इस महामारी के दौरान लगातार सोशल मीडिया पर लोगों को इस वायरस से लड़ने की ताकत देते रहे हैं।
अमेरिका के बड़े डॉक्टर का अनुभव समझिए
अमेरिका में संक्रामक रोगों के बड़े डॉक्टर फहीम यूनुस ने कोरोना इंफेक्शन से संबंधित खुद पर आजमाई बातें बताई हैं, जिसका पालन करने से कोई भी इसके इंफेक्शन से बच सकता है। सबसे पहले तो उन्होंने अपने बारे में बताया है कि वह खुद ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित हो गए थे। उनके मुताबिक उन्हें दो हफ्ते पहले लक्षण आए और टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद ही उन्होंने अपने अनुभव से वह पांच सबक बताए हैं, जिसका पालन करने से कोविड संक्रमण से बचे रहने में मदद मिल सकती है। उन्होंने खुद के संक्रमित होने की भी वजह बताई है कि उनसे क्या चूक हो गई ? वह यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में संक्रामक रोग विभाग के चीफ हैं।
पहली सीख: मास्क काम करता है
डॉक्टर फहीम यूनुस ने बताया है कि पिछले दो वर्षों में वह 1,000 बार से ज्यादा कोविड मरीजों के संपर्क में आ चुके हैं, लेकिन मास्क और पीपीई की वजह से कभी संक्रमित नहीं हुए। लेकिन, उन्होंने बताया कि परिवार के एक कार्यक्रम में वो दिनों तक बिना मास्क के रहे और कोविड की चपेट में आ गए। वो ट्विटर पर लिखते हैं- 'इसलिए हां। मास्क काम करता है। अगर आप पहन सकते हैं तो एन95 या केएन95 मास्क पहनें।'
दूसरी सीख: वैक्सीन काम करती है
डॉक्टर यूनुस के मुताबिक वैक्सीन काम करती है, इसलिए 5 दिनों बाद ही मैं मास्क के साथ काम पर लौट आया और वेंटिलेटर पर जाकर जिंदगी के लिए संघर्ष करने की जगह मैं ट्विटर पर अपनी कहानी बता रहा हूं। उन्होंने वैक्सीन और ईश्वर को धन्यवाद कहा है।
तीसरी सीख: बेवजह की दवा नहीं
उन्होंने कहा है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, स्टेरॉयड, एंटीबायोटिक या पैक्सलोपिड नहीं लिए। एचसीक्यू, इमरमेक्टिन या जिंक भी निश्चित रूप से नहीं ली। अलबत्ता बहुत ही ज्यादा गंभीर मरीजों के लिए इलाज का प्रोटोकॉल ही अलग है।
चौथी सीख: अंत याद रखें
कोविड हो या कोविड ना हो, हमेशा याद रखें कि अंत में क्या होना है। इससे हौसला मिलता है और सही और उचित फैसले लेने में मदद मिलती है। उनके मुताबिक हर्ड इम्यूनिटी अच्छी बात है, लेकिन इसके पीछे पड़ना ठीक नहीं है।
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पांचवीं सीख: अपनी जोखिम के अनुसार बर्ताव करें
वैक्सीन लें, केएन या एन95 मास्क पहनें। अगर फिर भी आपको कोविड होता तो आप पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। मेरे लिए परिवार का वह कार्यक्रम जरूरी था। लेकिन, आपके लिए यह अलग हो सकता है। विज्ञान का पालन कीजिए, फिर अपने दिल की सुनिए।