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तीन तलाक के बाद तीन माह की बेटी के साथ पति के घर से निकली, फिर जो किया उससे आज बनी मिसाल

By Rizwan
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मुंबई। त्वरित तीन तलाक को लेकर बीते कुछ समय से लगातार बातें हो रही हैं, कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें ट्रिपल तलाक की चलते कई जिंदगियां तबाही के कगार पर पहुंच गईं। फेसबुक पेज ह्यूमन ऑफ बॉम्बे पर एक ऐसी महिला ने अपनी कहानी बताई है, जिसने मर्जी के खिलाफ शादी, दहेज और ससुराल पक्ष की प्रताड़ना तो सही ही तीन तलाक का सामना भी किया। इतने सब के बावजूद इन्होंने साहस दिखाया और तीन महीने की बेटी के साथ पति से अलग होने के बाद अपने दम पर उसे पाल रही हैं।

फेसबुक पर बताई अपनी कहानी

फेसबुक पर बताई अपनी कहानी

ह्यूमन ऑफ बॉम्बे पेज पर इन्होंने कुछ यूं अपनी कहानी लिखी है- 'मैं 19 साल की थी और मेरा एक ही सपना था कि मैं मीडिया के क्षेत्र में अपना करियर बनाऊं। मैंने बहुत कुछ सोचा था लेकिन अपने सपनों को किनारे करते हुए मेरे अब्बा के कहने पर मैंने शादी के लिए हां कर दी। मैं 19 और वो 22 साल के थे, जब सगाई के बाद हम पहली बार मिले। मैं कहती थी कि दहेज के साथ शादी नहीं करनी है लेकिन मुझे ये समझौता करना पड़ा और शादी में अब्बा को खूब सारा दहेज देना पड़ा।'

शादी के बाद भी करने पड़े समझौते

शादी के बाद भी करने पड़े समझौते

सबसे बुरी बात ये थी कि ससुराल के लोगों ने शादी में सैकड़ों मांगे की थीं, इनमें कपड़े, नकदी से लेकर जेवर तक थे। 'लड़कियों की साइड' हम सब की अनदेखी करते हैं, मेरे पिता ने अपने चेहरे पर सबसे बड़ी मुस्कान के साथ शादी के लिए 25 लाख का भुगतान किया। इसके बाद ससुराल में मुझे बुर्का पहनने को कहा गया, ये मेरे लिए मुश्किल था लेकिन मैंने ये भी किया। इसके बाद लगतार दहेद के लिए ताने दिए जाने लगे और मुझसे मायके से पैस लाने की मांग की जाने लगी। मेरे अब्बा से जितना हो सकता था, वो लगातार करते रहे। फिर मैं गर्भवती हुई, मैं अपने पति का प्यार और देखभाल चाहती था। लेकिन कभी नहीं मिला. वह केवल 3 बजे के बाद कमरे में आता था, जब वह अपने परिवार के साथ समय बिता रहा था। मुझे मेरे स्वास्थ्य के लिए कोई अतिरिक्त पैसे नहीं दिया गया था, इसलिए मेरे पिता ने हर महीने पैसे भेजने शुरू कर दिया ।

मैं अब ज्यादा मजबूत हूं

मैं अब ज्यादा मजबूत हूं

'तनाव इतना बढ़ गया कि मेरी डिलीवरी भी वक्त से पहले हो गई। मेरी बेटी हुई तो मैंने पाया कि ससुराल में कोई भी मेरी बेटी सारा को लेकर खुश नहीं था। मैं एक अकेली मां की तरह महसूस किया जबकि मैंने शादी की थी। मुझे लगा कि वे निराश थे कि मैंने उन्हें एक लड़का नहीं दिया था। सारा तीन माह की थी जब एक दिन मेरे भाई ऐर पिता के सामने ही मुझे तलाक तलाक तलाक कह दिया गया। हालांकि उसने माफी मांगी लेकिन तब क्या हो सकता था। मैं पिता के घर आ गई। मैं सारा के सामने उदाहरण सेट करना चाहती थी इसलिए मैंने करियर बनाने की सोची और कुछ काम करने का फैसला किया।

मैंने जिम के लिए फ्लोर मैनेजर के तौर पर काम करना शुरू किया और उसके बाद कभी मैंने अपने पिता से कोई पैसा नहीं लिया है । मेरे पास बड़े सपने हैं और पूरी तरह से आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना चाहते हैं, ताकि मैं अपनी बेटी के लिए उस उदाहरण को सेट कर सकूं। मैं आज एक माँ और पिता हूं... शायद यही कारण है कि मैं दो बार मजबूत हूँ । ये जिंदगी अब सारा के लिए है।'

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English summary
Humans of Bombay story muslim woman who face triple talaq
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