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स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन कोरोना वैक्सीन पर विश्वास कायम करने के लिए खुद करेंगे ये काम

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नई दिल्ली- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने भरोसा दिया है कि अगले साल की पहली तिमाही तक कोविड-19 का वैक्सीन उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाने के आसार हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिलने में ज्यादा देरी ना लगे इसके लिए भी आम सहमति बनाने की कोशिशें चल रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि लोगों को कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह लोगों को भरोसा दिलाने के लिए खुद पहली कोरोना वैक्सीन लेने के लिए तैयार हैं।

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Coronavirus Vaccine: Dr Harsh Vardhan बोले- जरूरत पड़ी तो मैं खुद करूंगा ये काम | वनइंडिया हिंदी
अगले साल की पहली तिमाही में वैक्सीन आने की संभावना

अगले साल की पहली तिमाही में वैक्सीन आने की संभावना

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने रविवार को कहा है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन अगले साल के शुरुआती तीन महीने में तैयार हो जाना चाहिए। संडे संवाद नाम के ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि अगर लोगों में कोविड-19 वैक्सीन को लेकर किसी तरह की आशंका होगी तो उनमें विश्वास कायम करने के लिए वह पहला वैक्सीन खुद लेंगे। उन्होंने कहा कि, 'हालांकि वैक्सीन की लॉन्च के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है, हो सकता है कि यह 2021 की पहली तिमाही में तैयार हो जाए।' उन्होंने यह भी बताया कि जब भी वैक्सीन आ जाएगा, इसमें फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर, वरिष्ठ नागरिकों और गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों को इसे लगवाने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने साफ किया कि वैक्सीन पहले उन्हें ही दी जाएगी, जिन्हें उसकी सबसे पहले जरूरत होगी, चाहे किसी की कितनी भी खर्च करने की क्षमता क्यों ना हो।

पहला टीका खुद लगाने के लिए तैयार- स्वास्थ्य मंत्री

पहला टीका खुद लगाने के लिए तैयार- स्वास्थ्य मंत्री

डॉक्टर हर्षवर्धन का कहना है कि वैक्सीन की सुरक्षा, उसकी कीमतें उत्पादन की टाइमलाइन को लेकर लगातार चर्चाओं का दौर जारी है। उन्होंने ये भी कहा कि 'अगर लोगों को भरोसा नहीं होगा तो मैं कोविड-19 का पहला टीका खुद अपने ऊपर लगवाने के लिए तैयार हो जाऊंगा। कोविड-19 वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए एक आम सहमति बनने की जल्द संभावना है, खासकर वरिष्ठ नागरिकों और जो लोग बेहद जोखिम भरे माहौल में काम कर रहे हैं उनके लिए।' लोगों के साथ सोशल मीडिया पर संवाद के दौरान उन्होंने माना कि 'सरकार को रेमडेसिविर जैसी दवाओं की कथित कालाबाजारी की जानकारी मिली है और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन से कहा गया कि वह अपने राज्यों के समकक्षों के साथ मिलकर इसपर कार्रवाई करें।'

बेहतर क्वालिटी की पीपीई बना रही हैं 110 स्वदेशी कंपनियां

बेहतर क्वालिटी की पीपीई बना रही हैं 110 स्वदेशी कंपनियां

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना के खिलाफ जंग में देश के योगदान के बारे में कहा कि देश में अच्छे स्टैंडर्ड का पीपीई तैयार करने वाला एक भी भारतीय उत्पादक नहीं थी, जबकि आज देश में करीब 110 बेहद उच्च गुणवत्ता वाले स्वदेशी उत्पादक हो चुके हैं। आज देश न केवल अपनी पीपीई आवश्कताओं की पूर्ति करने की स्थिति में है, बल्कि दूसरे देशों को भी मदद के लिए निर्यात करने की स्थिति में है। बता दें कि रविवार को सुबह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक दिन में कोरोना मरीजों की संख्या में 94,372 का इजाफा हुआ है और भारत में संक्रमण की कुल संख्या 47,54,356 पहुंच चुकी है। वहीं 24 घंटों में इससे 1,114 लोगों की मौत हुई और कुल मौतों की संख्या भी बढ़कर 78,586 तक पहुंच चुकी है। हालांकि, सुकून की बात ये है कि 37,02,595 मरीज इससे स्वस्थ भी हो चुके हैं।

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English summary
Health Minister Dr. Harsh Vardhan himself will do this work to build trust on the Coronavirus vaccine
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