जानिए, हरियाणा में समीकरण बदलने वाले दुष्यंत के परिवार में हैं कौन-कौन?
नई
दिल्ली।
हरियाणा
में
गुरुवार
को
विधानसभा
चुनाव
के
नतीजों
आ
गए
हैं।
90
सीटों
में
40
सीटें
जीतने
वाली
भाजपा
निर्दलीयों
के
समर्थन
से
सरकार
बनाने
का
दावा
कर
रही
है
लेकिन
नतीजों
के
बाद
सबसे
ज्यादा
चर्चा
जननायक
जनता
पार्टी
यानी
जेजेपी
की
है।
दुष्यंत
चौटाला
की
महज
11
महीने
पुरानी
ये
पार्टी
राज्य
में
नंबर
तीन
की
पार्टी
बनी
है।
दुष्यंत
की
जेजेपी
ने
जहां
10
सीटें
जीती
हैं,
वहीं
उनके
दादा
ओम
प्रकाश
चौटाला
के
नेतृत्व
वाली
उनकी
पुरानी
पार्टी
इनेलो
महज
एक
सीट
जीत
सकी
है।
विदेश
में
पढ़ाई
करने
वाले
31
साल
के
दुष्यंत
के
बारे
में
कहा
जा
रहा
है
कि
परदादा
चौधरी
देवीलाल
की
विरासत
उन्होंने
इनेलो
से
छीन
ली
है।
जानिए
कौन-कौन
हैं
दुष्यंत
चौटाला
के
परिवार
में।
चौधरी देवीलाल के परपोते हैं दुष्यंत
दुष्यंत चौटाला हरियाणा के बड़े राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके परदादा चौधरी देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री और देश के उप प्रधानमंत्री रहे। उनके दादा ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके पिता अजय चौटाला, मां नैना चौटाला, भाई दिग्विजय चौटाला भी राजनीति में हैं। देवीलाल के परिवार से करीब दो दर्जन लोग इस समय हरियाणा में सक्रिय राजनीति में हैं।
कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी से की है पढ़ाई
दुष्यंत चौटाला ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा लॉरेंस स्कूल, सनावर हिमाचल प्रदेश से पास की। कैलीफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से दुष्यंत ने बैचलर ऑफ साईंस इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ली है। दुष्यंत बॉस्केटबॉल, फुटबॉल और हॉकी के खिलाड़ी भी हैं।
कम उम्र में सांसद बनने का रिकॉर्ड
दुष्यंत चौटाला 2014 के लोकसभा चुनाव में इनेलो के टिकट पर हिसार से सांसद चुने गए थे। 2014 में जब वो सांसद बने तो उनकी उम्र मात्र 25 साल 11 महीने थे। दिसंबर 2015 में किसानों के मसले को लेकर उन्होंने संसद परिसर में ट्रैक्टर लेकर घुसने की कोशिश की थी। जिससे वो काफी चर्चा में रहे थे। संसद में अपनी बहसों से भी दुष्यंत ने पहचान बनाई थी।
पत्नी एमबीए, मां रह चुकीं निशाने बाज
दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला निशानेबाज रही हैं, वो विधायक भी हैं। नैना सिंह, चौटाला परिवार की पहली महिला हैं, जो राजनीति में आईं। अजय चौटाला के जेल जाने के बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता। दुष्यंत की पत्नी मेघना एमबीए हैं, हालांकि वो अभी तक सक्रिय राजनीति में नहीं है। दुष्यंत और मेघना की शादी 2017 में हुई थी, जिसमें मनोहर लाल खट्टर भी पहुंचे थे। दुष्यंत के भाई दिग्विजय भी राजनीति में हैं, वो इस चुनाव में नहीं लड़े थे।
इनेलो से अलग होकर बनाई पार्टी, किया कमाल
अक्टूबर 2018 को सोनीपत के गोहाना में इनेलो की एक रैली में अभय चौटाला के खिलाफ और दुष्यंत के समर्थन में नारेबाजी हुई थी। इससे खफा ओम प्रकाश चौटाला ने पोते दुष्यंत और दिग्विजय को पार्टी से निकाल दिया था। जिसके बाद दुष्यंत ने पिता अजय चौटाला और भाई दिग्विजय के समर्थन से दिसंबर 2018 को जननायक जनता पार्टी का गठन किया। जींद उपचुनाव में उन्होंने दिग्वजिय को लड़ाया लेकिन वो हार गए। इसके बाद 2019 के लोकसभा में दुष्यंत भी हिसार लोकसभा सीट से हार गए। मौजूदा हरियाणा विधानसभा में सबको चौंकाते हुए जेजेपी ने 10 सीटें जीती हैं। दुष्यंत खुद उचानां कला से और उनकी मां नैना चौटाला बाढ़डा से विधायक बनी हैं। वहीं उनके दादा ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोक दल से इस चुनाव में सिर्फ उनके चाचा अभय चौटाला ही जीत पाए हैं।
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